नितिन राणा
हिमाचल प्रदेश पालमपुर से राकेश जी से अपने स्वर्गीय माता पिता की याद में हरिद्वार महाकुंभ में लगातार कई दिनों से अलग-अलग स्थानों पर गरीबों को अपने हाथों से भोजन करा रहे हैं उनका मानना है कि नर सेवा ही नारायण सेवा है अगर हम अपने हाथों से भोजन कराते हैं तो हमें कई गुना पुण्य का फल प्राप्त होता है तथा अपने स्वर्गीय पूर्वजों को भी उनकी आत्मा में शांति मिलती है यही हमारा धर्म है राकेश जी का कहना है कि आगे भी जब तक मेरा जीवन है मैं यह नर सेवा करता रखूंगा l