देहरादून। देवभूमि उत्तराखंड में सनातन धर्म और हिंदू रीति रिवाज और पर्व त्योहारों का इतिहास पुराना है लिहाजा अब सरकार भी एक कदम आगे आ कर कुछ नई पहल कर रही है। इसी के चलते पहली दफा इस बार सरकार नवरात्रों के आयोजन में शासन प्रशासन को भी शामिल कर रही है। सरकार की नवरात्रों को लेकर क्या है पूरी रूपरेखा जाने।
आगामी 22 मार्च, 2023 से 30 मार्च, 2023 तक आने वाले चैत्र नवरात्रि, रामनवमी के प्रबन्धन और धार्मिक मेलों को लेकर उत्तराखंड सरकार इस बार नवरात्रि नारी शक्ति उत्सव के रूप में मनाने जा रही है। ईटीवी से जानकारी साझा करते हुए धर्मस्व सचिव हरिशचंद सेमवाल ने बताया कि आगामी 22 मार्च 2023 से 30 मार्च तक चैत्र नवरात्रि के अवसर पर माँ दुर्गा के नौ स्वरूपों की विधि-विधान के साथ पूजा की जाती है जिसके वैदिक तथा पुराणों में चैत्र नवरात्रि को विशेष महत्त्व दिया गया है। चैत्र नवरात्रों की उत्तराखण्ड राज्य में व्यापक धार्मिक महत्ता के दृष्टिगत इस दौरान प्रदेश में सभी प्रमुख देवी मंदिरों एवं शक्तिपीठों में धार्मिक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाना है।
उन्होंने बताया कि चैत्र नवरात्रि के मौके पर सरकार विशेष अभियान चलाते हुए प्रदेश के समस्त जनपदो के प्रमुख देवी मन्दिरों/शक्ति पीठों में मातृशक्ति के सामर्थ्य और शक्ति का प्रतीक ‘नवरात्रों को नारी शक्ति उत्सव के रूप में मनाने जा रही है। इसमें दुर्गा सप्तमी, रामचरितमानस, देवी गायन, देवी जागरण आदि पाठ आयोजित कराये जाने का फैसला लिया गया है जिसमे महिलाओं और बालिकाओं की विशेष रूप से सहभागिता सुनिश्चित की गई है। प्रदेशभर में आयोजित होने वाले इस उत्सव के आयोजन के लिए जिलाधिकारियों के माध्यम से जनपद और विकास खण्ड स्तर पर समिति का गठन किया जाएगा जिसमें सांस्कृतिक, धार्मिक और जनसहभागिता से जुड़े संगठनों और कार्यक्रम से आम जनमानस को जोड़ने के लिए जिला सूचना अधिकारी को भी मदद ली जाएगी।
जिलाधिकारी द्वारा गठित समिति इन सभी आयोजनों को रूपरेखा तय करेगी और आयोजन सुनिश्चित किए जायेंगे और हर दिन होने वाले कार्यक्रमों का विवरण आयोजकों द्वारा संस्कृति विभाग, उत्तराखण्ड के ई-मेल navratrinarishaktiutsav @gmail.com पर अपलोड किया जाएगा। आयोजन स्थल के आस-पास साफ-सफाई, पेयजल, ध्वनि-प्रकाश एवं अन्य व्यवस्थायें जिला प्रशासन द्वारा यथासमय सुनिश्चित की जाएगी। वहीं इसके अलावा प्रदेशभर में आयोजित होने वाले कार्यक्रमों के सफलतापूर्वक आयोजन के लिए संस्कृति विभाग, उत्तराखण्ड द्वारा प्रत्येक जिलाधिकारी को रू. 1.00 लाख की धनराशि प्रदान की जायेगी एवं अन्य व्यवस्थायें जिला प्रशासन द्वारा अपने स्तर से सुनिश्चित की जायेंगी ।