आज पितृपक्ष की अमावस्या का दिन है यानी की आखिरी श्राद्ध है। कल रविवार से नवरात्रि शुरू हैं , आज आखिरी श्राद्ध के चलते धर्मनगरी की हर की पैड़ी में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी है। अमावस्या पर स्नान करने का काफी महत्व है। ऐसे में इस पुण्य को प्राप्त करने हज़ारों लाखों भक्तों ने माँ गंगा में डुबकी लगाईं है। सुबह-सुबह ही श्रद्धालु गंगा में डुबकी लगाने पहुंचे और स्नान किया अपने पूर्वजों को याद किया ।
आज असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा भी हरिद्वार के प्राचीन नारायणी शिला मंदिर पहुंचे है जहाँ उन्होंने पूजा अर्चना की। अपने पितरों के लिए पूजन करने के बाद उन्होंने कहा कि सनातन कभी खत्म नहीं हो सकता। ये भी कहा कि वह हर साल अमावस्या के दिन प्राचीन नारायणी शिला मंदिर पहुँचने की कोशिश करते है और आज आखिरी पितृपक्ष पर नारायणी शिला मंदिर पहुंचे हैं।
उन्होंने कहा कि कुछ लोग चाहते हैं कि सनातन और सनातन से जुड़ी परंपराएं इस देश में खत्म हो जाए,लेकिन उन्हें यह नहीं पता कि जब वह लोग भी नहीं थे तब से सनातन धर्म था। करीब 5000 साल पूर्व से सनातन धर्म और उससे जुड़ी परंपराएं चलती आ रही है।और निरंतर चलती रहेंगीं .