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ऋषिकेश परमार्थ निकेतन  में बह रही है गंगा के साथ-साथ योग की धारा


अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव से सराबोर हो रहा है परमार्थ निकेतन,
योग को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्थापित करने में स्वामी चिदानंद मुनि और साध्वी भगवती का महत्वपूर्ण योगदान-राधिका,
भजनों में थिरक उठे योग जिज्ञासु
ऋषिकेश
परमार्थ निकेतन ऋषिकेश में आज अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के दिन प्रातः कालीन बेला में देश विदेश से योग जिज्ञासुओं को योगाचार्य चिंतक विचारक लेखिका डॉक्टर राधिका नागरथ ने आदि योगी शिव के बारे में बताते हुए कहा कि शिव ही सृष्टि के आदि है और शिव ही अंत है. शिव की महिमा अपार है.वे जनजन को प्रिय है.
उन्होंने कहा कि ऋषिकेश में परमार्थ निकेतन निकेतन में गंगा के पावन तट पर गंगा की धारा के समानांतर योग की धारा बह रही है, जो विश्व का कल्याण कर रही है.उन्होंने कहा कि स्वामी चिदानंद मुनि और साध्वी भगवती ने योग को विश्व रूप प्रदान किया है उनके इस योगदान को कभी नहीं भुलाया जा सकता है.


डॉ राधिका नागरथ ने योग की कक्षाओं का शुभारंभ श्री गणेश की वंदना के साथ किया और भगवान शिव भगवान राम कृष्ण की स्तुतियां गाई और योग जिज्ञासुओं को भारतीय संस्कृति से रूबरू कराया। मानसिक शांति में योग और भजन के महत्व पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने भजन गया।भजन गायन में डॉक्टर राधिका के साथ हारमोनियम पर सुनील सागर ने तबले पर संगत दी और कई भजन गाए। इस अवसर पर अरुणाचल प्रदेश से आए स्कूल और कॉलेज के छात्र-छात्राओं ने डॉ. राधिका नागरथ के साथ भगवान शिव की स्तुति गई और श्रोता झूम उठे।

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