Uttarakhand

गाड़ी संचालकों ने प्रमुख सचिव से लगाई गुहार, हमारी भी रोजी-रोटी का ख्याल रखो सरकार

देवभूमि उत्तराखण्ड मालिक, चालक यूनियन उत्तराखण्ड हरिद्वार के गाड़ी चालकों ने प्रमुख सचिव परिवहन उत्तराखण्ड को पत्र भेजकर प्रदेश में बाहरी राज्यों की गाड़ियों के अवैध संचालन को रोकने की मांग की है।


प्रमुख सचिव को भेज पत्र में गाड़ी चालकों ने कहाकि उत्तराखण्ड के गाड़ी चालक व मालिकों की रोजी-रोटी का प्रमुख जरिया चार धाम यात्रा है। इसी के चलते वह अपना व अपने परिवार को भरण-पोषण करते हैं, किन्तु अब उनकी हालत दयनीय हो चुकी है। बाहरी गाड़ियों कंे संचालन के कारण उनके पेट पर लात मारे जाने जैसा कार्य किया जा रहा है। आलम यह है कि उन्हें अपना परिवार चलाने के साथ बच्चों की फीस देने व गाड़ियों की किश्त देने में भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इसका मुख्य कारण है कि यहां के कुछ ट्रेवल्स व्यवसायी बाहरी राज्यों की गाड़ियों को ठेके पर लेकर या फिर यहां से उनका संचालन करवा कर हमारे रोजगार का प्रभावित करने का कार्य कर रहे हैं।


पत्र में कहाकि भ्रष्टाचार का आलम यह है कि बाहरी प्रदेश के गाड़ी स्वामी यहां के निवासी के पते पर मार्फत में पता देकर गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन करवाते हैं, जिस कारण से हमारा व्यवसाय चौपट हो गया है और हमारी स्थिति भूखों मरने की हो गई है।
उन्होंने कहाकि शासन-प्रशासन को चुनाव आदि कार्यों के लिए जब भी गाड़ियों की आवश्यकता होती है, तो स्थानीय गाड़ी चालक व मालिक गाड़ियों को शासन-प्रशासन का निःशुल्क उपलब्ध करवाते हैं। बावजूद इसके हमारा शोषण किया जा रहा है।

आलम यह कि यहां से बाहरी राज्यों की गाड़ियां सवारी भरकर ले जाती है और स्थानीय गाड़ी संचालक कुछ नहीं कर पाते। उन्होंने इस सबंध में शीघ्र ही ठोस कदम उठाने की प्रमुख सचिव से मांग की। उन्होंने कहाकि यदि इस दिशा में कोई ठोस कार्यवाही नहीं की जाती है तो हमारे परिवारों के भूखे मरने की स्थिति उत्पन्न हो जाएगी और हमारे बच्चे शिक्षा के अधिकार से वंचित हो जाएंगे। इसके साथ ही उन्होंने इस संबंध में एसपी सिटी कार्यालय में ज्ञापन देकर कार्यवाही की मांग की।


पत्र पर हस्ताक्षर करने वालों में देवेन्द्र सिंह, विनोद सैनी, अनिल कुमार, शेखर सैनी, आलिम, प्रमोद राठौर, श्रीपाल, इसरार, गुलशेर, सोनू, बंटी, रवि कुमार, मांगेराम, जुल्फकार अली, मांगेराम, रकम सिंह, सतीश, नाजिम, भूरा, जावेद अली, नीटू आदि प्रमुख थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *