हरिद्वार। आदि गुरु शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती के शरीर पूरा होने के बाद उनके शिष्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती के शंकराचार्य बनने का विरोध लगातार जारी है जहाँ एक अखाड़ा परिषद द्वारा उनका विरोध किया जा रहा है तो वही अब काली सेना द्वारा जोशीमठ में अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती के अभिनंदन समारोह का विरोध शुरू हो गया है काली सेना द्वारा उनके अभिनंदन समारोह में आ रहे, शंकराचार्य विधुशेखर भारती के आने पर उनका विरोध की घोषणा की गई है।
आदि गुरु शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती के निधन के बाद उनके शिष्य स्वामी सदानंद सरस्वती और स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती द्वारा उनके उत्तराधिकारी के तौर पर द्वारिका और ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य बनने से शुरू हुआ विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है 17 अक्टूबर को जोशीमठ मैं आयोजित अभिनंदन समारोह का विरोध भी शुरू हो गया है जिसके लिए काली सेना द्वारा घोषणा की गई है कि स्वामी श्रद्धानंद सरस्वती और स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती के अभिनंदन समारोह में पहुंच रहे जगतगुरु शंकराचार्य विधु शेखर भारतीय को उत्तराखंड में प्रवेश से रोका जाएगा इस विषय में पत्रकारों से वार्ता करते हुए शांभवी आश्रम के पर माध्यक और काली सेना के संरक्षक आनंद स्वरूप ने कहा कि अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती के शंकराचार्य बनने मैं शंकराचार्य बनने की प्रक्रिया को अनदेखा किया गया है जिसका वह लगातार विरोध करते रहेंगे और 17 तारीख को होने वाले कार्यक्रम का बौद्धिक रूप से विरोध भी करते रहेंगे। काली सेना के जिला अध्यक्ष विनोद महाराज ने कहा कि ज्योतिष मध्य में आयोजित अभिनंदन समारोह में पहुंच रहे विधु शेखर भारती को हरिद्वार के बॉर्डर अथवा एयरपोर्ट पर काली सेना घेरने का काम करेगी और उनको अभिनंदन समारोह में जाने से रोकेगी।