नितिन राणा
बहादराबाद। उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय, हरिद्वार में राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर उत्तराखंड राज्य निर्माण के शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई । कार्यक्रम के मुख्य वक्ता विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. दिनेशचंद्र शास्त्री ने राज्य स्थापना दिवस की छात्र-छात्राओं, अध्यापकों एवं कर्मचारियों को शुभकामना और बधाई देते हुए कहा कि हमारा राज्य अपने युवा काल में प्रवेश कर चुका है । राज्य की उपलब्धियां बहुत महत्वपूर्ण और गौरवशाली रहीं हैं । राज्य की प्रगति में सभी पूर्ववर्ती सरकारों का महत्वपूर्ण योगदान रहा है । उन्होंने कहा कि कोई भी राज्य एक दिन में नहीं बनता इसके लिए हमारे राज्य के युवाओं ने लंबे समय तक संघर्ष किया है ,बहुत से आंदोलनकारियों ने प्राणों की बाजी लगा दी।
उन्होंने कहा कि राज्य के विकास में अध्यापकों एवं कर्मचारियों के समर्पण,लगन और कठिन परिश्रम का महत्वपूर्ण योगदान है। उन्होंने कहा कि आज विश्व के लोग उत्तराखण्ड की संस्कृति और संस्कृत की ओर आकर्षित हो रहे हैं। वे इसे देखना, जानना और समझना चाहते हैं । हम सभी को मिलकर अपने प्रयासों से इस सुंदर प्रदेश को बेहतर बनाने का संकल्प लेना होगा। संस्कृत के छात्रों और अध्यापकों का दायित्व बढ़ा है कि वह इस राज्य के विकास में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका तय करें। उन्होंने कहा कि हम जितने सजग और तैयार होंगे उतना ही अच्छे से राज्य के प्रति अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन कर सकेंगे ।
इस अवसर पर धन्यवाद ज्ञापन देते हुए विश्वविद्यालय के कुलसचिव गिरीश कुमार अवस्थी ने सभी का आभार व्यक्त किया । उन्होंने कहा कि आज हम वर्तमान कुलपति महोदय के दिशा निर्देशन में निरन्तर प्रगति पथ पर अग्रसर हैं और नई बुलंदियों को छू रहे है । कार्यक्रम का संचालन छात्र कल्याण अधिष्ठाता एवं संयोजक डाॅ. लक्ष्मी नारायण जोशी ने किया । इस मौके पर डाॅ. शैलेश कुमार तिवारी,डॉ मनोज किशोर पंत,डॉ प्रकाश पंत, डॉ रतन लाल, डाॅ.प्रतिभा शुक्ला, उप कुलसचिव दिनेश राणा, डाॅ. अरुण कुमार मिश्र, डाॅ. दामोदर परगाईं, डाॅ. कंचन तिवारी, डाॅ. उमेश शुक्ल, डॉ राम खंडेलवाल मनोज गहतोड़ी सहित विश्वविद्यालय के शिक्षणेत्तर कर्मचारी और छात्र-छात्राएँ मौजूद रहे।