हरिद्वार: जिलाधिकारी विनय शंकर पाण्डेय के निर्देशों के क्रम में अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई लगातार जारी है। उसी सिलसिले में आज विभिन्न विभागों की संयुक्त टीम द्वारा अतिक्रमण के खिलाफ अभियान चलाया गया।
जिलाधिकारी विनय शंकर पाण्डेय के निर्देश पर सिटी मजिस्ट्रेट अवधेश कुमार सिंह, एस0डी0एम0(सदर) पूरण सिंह राणा, अधिशासी अभियन्ता लोक निर्माण सुरेश तोमर, अधिशासी अभियन्ता सिंचाई सुश्री मंजू, सी0ओ0 सिटी मनोज कुमार ठाकुर, राजस्व विभाग व पुलिस फोर्स के संयुक्त टीम द्वारा 3 जे0सी0बी0 के माध्यम से पुराना आर0टी0ओ0 तिराहा से भारत माता मंदिर के पास सिंचाई विभाग की 55 बीघा जमीन अतिक्रमण मुक्त करायी गयी। अतिक्रमित भूमि की कीमत सर्किल रेट के अनुसार रू0 64 करोड़ तथा बाजार मूल्य रू0 150 करोड़ आंकी गयी है ।
अतिक्रमण पर जिला प्रशासन के सख्त रवैये तथा जिलाधिकारी की अपील पर स्थानीय दुकानदारों द्वारा परमार्थ निकेतन सप्तऋषि मार्ग पर स्वयं किये गये अतिक्रमण को हटाया गया, जिससे अतिक्रमण के दौरान 10 फीट चौड़ा मार्ग अतिक्रमण मुक्त किये जाने के बाद 35 फीट चौड़ा हो गया । अतिक्रमण अभियान के अन्तर्गत जिलाधिकारी के अथक प्रयासों के बाद सिंचाई विभाग की 55 बीघा भूमि को आज अतिक्रमण मुक्त किये जाने की बड़ी उपलब्धि हासिल हुई है।
जिलाधिकारी ने जनपद हरिद्वार में समय-समय पर आयोजित बैठकों के माध्यम विभिन्न विभागीय, शासकीय सम्पत्तियों व भूमि पर हुए अनाधिकृत कब्जों के सम्बन्ध मे सम्बन्धित विभागों को अतिक्रमित भूमि को कब्जामुक्त किये जाने हेतु सुस्पष्ट अभिलेखों व नजरी नक्शे सहित निश्चित समयावधि में आख्या दिये जाने के निर्देश दिये गये थे। सम्बन्धित विभागो को शासकीय विभागों की नियंत्रणाधीन व सम्पत्ति पर अनाधिकृत रूप से कब्जा के सम्बन्ध में प्रमाण पत्र उपलब्ध कराये जाने के भी निर्देश दिये गये थे। उन्होंने ये भी निर्देश दिये थे कि प्रमाण पत्र उपलब्ध कराये जाने के बाद भी किसी भी विभाग की भूमि पर कोई अतिक्रमण पाया गया तो सम्बन्धित विभाग इसके लिए स्वयं उत्तरदायी होगा । उन्होंने सभी उप जिलाधिकारियो को ऐसे अवैध अतिक्रमण भूमि का चिन्हीकरण करते हुए सम्बन्धितों को नोटिस जारी करने के भी निर्देश दिये थे।
यहां यह भी उल्लेखनीय है जिलाधिकारी द्वारा समय-समय पर स्वयं भी स्थलीय निरीक्षण कर इसकी मॉनिटरिंग की जा रही है । उन्होंने कहा है कि वे अतिक्रमण हटाने के लिये कृत संकल्प है तथा अतिक्रमण हटाने की यह कार्रवाई भविष्य में भी चलती रहेगी।