श्री सत्य साईं बाबा के शताब्दी समारोह*
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श्री सत्य साईं हिल व्यू स्टेडियम, पुट्टपर्थी*
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प्रधानमंत्री, भारत श्री नरेन्द्र मोदी जी की गरिमामयी उपस्थिति एवं उद्बोधन*
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परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी का पावन सान्निध्य एवं उद्बोधन*
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श्री सत्य साई बाबा के जन्म शताब्दी समारोह के अवसर पर उनके सम्मान में स्मारक सिक्का और डाक टिकट जारी किया*
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आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री एन. चंद्रबाबू नायडू जी, उपमुख्यमंत्री श्री पवन कल्याण जी, प्रसिद्ध क्रिकेटर भारत रत्न श्री सचिन तेंदुलकर जी, अभिनेत्री ऐश्वर्या राय बच्चन, तथा केंद्रीय मंत्री राम मोहन नायडू किंजरापु, पूर्व केन्द्रीय मंत्री श्री जी. किशन रेड्डी, संगीताकर श्री हरिहरण जी और अनेक विशिष्ट गणमान्य अतिथियों का सहभाग*
19 नवम्बर। श्री सत्य साईं बाबा के जीवन, शिक्षा और दिव्य सन्देश को वैश्विक स्तर पर समर्पित शताब्दी समारोह का आयोजन 13 से 23 नवम्बर 2025 तक परम पावन पुट्टपर्थी धाम में बड़े हर्ष, श्रद्धा और भव्यता के साथ चल रहा है। आज, 19 नवम्बर का कार्यक्रम, जो प्रातः 9 बजे आरंभ हुआ, अपनी आध्यात्मिक ऊँचाइयों, राष्ट्रीय गरिमा और विश्व-स्तरीय अतिथियों की उपस्थिति के कारण विशेष रूप से ऐतिहासिक बन गया।
इस अद्वितीय उत्सव में भारत के माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की पावन उपस्थिति ने इस शुभ अवसर को और अधिक दिव्य एवं प्रेरणादायी बनाया। माननीय प्रधानमंत्री का श्री सत्य साईं एयरपोर्ट, पुट्टपर्थी आगमन के पश्चात प्रथम कार्यक्रम था प्रशांति निलयम् स्थित महासमाधि पर श्रद्धांजलि अर्पण एवं आशीर्वाद ग्रहण। यह क्षण पूरे परिसर में शांत, भक्तिभावपूर्ण और अत्यंत पावन वातावरण का सृजन कर गया।
इसके उपरांत प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी श्री सत्य साईं हिल व्यू स्टेडियम पहुंचे, जहाँ हजारों श्रद्धालुओं, संतों, अतिथियों, विद्यार्थियों और स्वयंसेवकों ने अभूतपूर्व उत्साह एवं अनुशासन के साथ उनका स्वागत किया।
कार्यक्रम का औपचारिक शुभारंभ माननीय प्रधानमंत्री जी द्वारा विशिष्ट अतिथियों के सम्मान और अभिनंदन से हुआ। तत्पश्चात श्री सत्य साईं सेंट्रल ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी द्वारा स्वागत उद्बोधन किया गया, जिसमें शताब्दी वर्ष के संकल्पों, सेवा-परियोजनाओं और विश्व-कल्याण के संदेशों की प्रेरणादायी झलक साझा की गई।
कार्यक्रम की सांस्कृतिक प्रस्तुति विविधता में एकता और भारतीय संस्कृति की आध्यात्मिक जड़ों का भव्य प्रकटिकरण थी। शास्त्रीय नृत्य प्रस्तुति और भक्तिमय संगीत वंदना, प्रसिद्ध ड्रम वादक शिवमणि जी के संगीत ने पूरे वातावरण को भक्ति, आनंद और सौंदर्य से भर दिया। श्रद्धा, कला और साधना का यह संगम दर्शकों को गहरे आध्यात्मिक अनुभव से अभिभूत करया।
माननीय प्रधानमंत्री ने अपने मुख्य संबोधन में सत्य साईं बाबा के जीवन, उनके प्रेम-संदेश, मानव-सेवा की परंपरा और भारत की आध्यात्मिक विरासत को विश्व के लिए एक प्रकाशपुंज बताया। उन्होंने कहा कि श्र सत्य साईं बाबा ने समाज को सेवा, करुणा, समर्पण और शांति का मार्ग दिखाया। उनकी शिक्षाएँ केवल आध्यात्मिक ही नहीं, बल्कि राष्ट्र-निर्माण की ऊर्जा भी हैं। शताब्दी वर्ष हम सबके लिए यह अवसर है कि हम सेवा को अपने जीवन का आधार बनाएं और भारत को ‘वसुधैव कुटुम्बकम्’ के मार्ग पर आगे ले जाएं।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि श्री सत्य साईं बाबा जी ने एक छोटे से गाँव को तीर्थ बना दिया, जहाँ पूरे विश्व के अनेकों-अनेक श्रद्धालु आकर अपनी आस्था के साथ नमन करते हैं और अपने विश्वास को सुदृढ़ करते हैं। इस छोटे से गाँव में आज वैल्यू-बेस्ड एजुकेशन, टॉप क्लास हेल्थ केयर, नेचर कंज़र्वेशन और अनेक अद्भुत पहल व परियोजनाएँ संचालित हो रही हैं, जो अनगिनत लोगों के लिये एक प्रेरणा का स्थल भी हैं।
स्वामी जी ने कहा कि यह केवल श्री सत्य साईं बाबा जी का जन्म शताब्दी वर्ष ही नहीं बल्कि उन्होंने पूरे विश्व को जो लव एंड लाइट, सत्य, प्रेम, करुणा का संदेश दिया कृ यह उसका भी उत्सव है। इस अवसर पर स्वामी जी ने 1987 की स्मृतियों का स्मरण करते हुए कहा कि उस समय हम एन्साइक्लोपीडिया ऑफ हिंदुइज़्म पर काम कर रहे थे। तब श्री सत्य साईं बाबा जी से मिले थे। हिंदू धर्म पर उन्होंने अद्भुत विचार व्यक्त किये कि सनातन शाश्वत है, पूरी मानवता के लिये है। उन्होंने एन्साइक्लोपीडिया ऑफ हिंदुइज़्म के निर्माण को लेकर प्रसन्नता व्यक्त की। उनके पश्चात भी कई बार उनसे भेंट हुई।
स्वामी जी ने कहा कि धरती की ख़ुशबू इंसानों से है और इंसानों की ख़ुशबू इंसानियत से है, और श्री सत्य साईं बाबा तो इंसानियत की ख़ुशबू व मानवता की सुगंध थे। इंसानियत की ख़ुशबू है सेवा, समर्पण, समरसता, सद्भाव और बाबा का तो सब कुछ समाज के लिये ही था, ग़रीबों के लिये था। वे सबके लिये थे और वे सदा के लिये हैं।
इस अवसर पर स्वामी जी ने वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई को आज उनकी जयंती पर याद करते हुए कहा कि वे वर्ष 1857 के स्वतंत्रता संग्राम की नायिका एवं शौर्य की प्रतिमूर्ति थीं।
स्वामी जी ने श्री रत्नाकर जी, सत्य साईं बाबा ट्रस्ट के चेयरमैन और सभी ट्रस्टियों को धन्यवाद देते हुए कहा कि वे अद्भुत रूप से सेवा कार्य कर रहे हैं।
प्रसिद्ध क्रिकेटर भारत रत्न, श्री सचिन तेंदुलकर ने अपने हृदयस्पर्शी संबोधन में सत्य साईं बाबा के मार्गदर्शन, प्रेम और सेवा-धर्म को अपनी जीवन यात्रा में मिले अमूल्य आशीर्वाद के रूप में व्यक्त किया। इस अवसर पर उन्होंने वर्ष 2011 के क्रिकेट वर्ल्ड कप की स्मृतियों व बाबा से प्राप्त आशीर्वाद की स्मृतियों को याद किया।
ऐश्वर्या राय बच्चन जी ने कहा कि केवल एक ही जाति है, वो है मानवता की जाति, केवल एक ही धर्म है, वो है प्रेम का धर्म, केवल एक ही भाषा है, वो है हृदय भाषा केवल एक ही ईश्वर है और वो सर्वव्यापी है।
माननीय मुख्यमंत्री, श्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने राज्य के विकास, शिक्षा, स्वास्थ्य और सामुदायिक सेवा के क्षेत्रों में सत्य साईं संस्थानों के योगदान को अत्यंत महत्वपूर्ण बताया और इन सेवाओं को “तेलंगाना-आंध्र का गौरव” निरूपित किया।
माननीय उपमुख्यमंत्री, श्री पवन कल्याण ने जन-कल्याण, मानव-सेवा और आध्यात्मिक मूल्यों पर आधारित बाबा के संदेशों की आज के भारत में प्रासंगिकतायें साझा की।
श्री सत्य साईं सेवा परियोजनाओं की नई श्रृंखला का शुभारंभ भी आज के कार्यक्रम का एक महत्त्वपूर्ण अंग था। ये परियोजनाएँ शिक्षा, स्वास्थ्य, ग्रामीण विकास, पेयजल आपूर्ति और सामाजिक न्याय जैसे अनेक क्षेत्रों को समर्पित हैं, जो बाबा के “निःस्वार्थ सेवा” के आदर्श का प्रतीक हैं।
कार्यक्रम का समापन भजनों और मंगल आरती के साथ हुआ, जिसने वातावरण को पवित्रता, शांति और आध्यात्मिकता से भर दिया। शताब्दी समारोह न केवल एक स्मृति है, बल्कि मानवता, सेवा और समर्पण के नए युग का आरंभ है।
