अलीगढ़ जिले की खैर कोतवाली में बीते दिन मंगलवार की दोपहर करीब दो बजे ससुरालियों पर दर्ज मुकदमे में कार्रवाई न होने पर बेटे संग पहुंची एक महिला कोतवाली परिसर में खुद को ज़िंदा ही जला लिया। पुलिस वालों ने किसी तरह आग बुझाकर उसे अलीगढ़ के जेएन मेडिकल कालेज में भर्ती कराया, यहां इलाज के दौरान उसकी मौत हुई है।
महिला की पहचान खैर कोतवाली इलाके के गांव दरकन नगरिया निवासी हेमलता (50) पत्नी स्व. राजकुमार के रूप में हुई है। हेमलता तीन दिन से लगातार थाने आ रही थी, लेकिन पुलिस उसकी समस्या सुन नहीं रही थी। उल्टा उस पर समझौते का दबाव बनाया जा रहा था। जब हेमलता थाने पहुंची तो आरोपी चंद्रभान भी थाने में ही घूम रहा था। उसे देखकर हेमलता बहुत दुखी हुई और इसी बात को लेकर उसकी इंस्पेक्टर से नोकझोंक भी हुई। एक बार को तो वह रोने भी लगी थी। पुलिस वालों से हाथ जोड़कर कह रही थी कि गरीबों के साथ आप लोग न्याय नहीं करते। वह थाने से बाहर जाने लगी। उसने कई बार यह भी कहा कि ऐसी जिंदगी से तो मौत ही अच्छी। पुलिस कुछ समझ पाती इससे पहले वह चली गई। महिला आग की लपटों में घिर गई। महिला को धू-धूकर जलता देख पुलिस वालों के हाथ पांव फूल गए। वहां मौजूद दरोगा और अन्य लोग महिला की तरफ दौड़े और कंबल डालकर आग बुझाई।
हेमलता के भाई चंद्रमोहन ने बताया कि उसकी विधवा बहन के साथ परिजनों ने निर्वस्त्र कर मारपीट की थी। जिसमें पुलिस ने मारपीट में ही रिपोर्ट दर्ज की थी। इस संबंध में पुलिस के उच्च अधिकारियों से शिकायत करने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई।