नव वर्ष के पहले ही दिन बंद रखा गया मां का दरबार, मायूस लौटे श्रद्धालु
हरिद्वार। आज निरंजनी अखाड़े के पीठाधीश्वर एवं श्री दक्षिण काली मंदिर पीठ के पीठाधीश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज का जन्मोत्सव भारी अव्यवस्थाओं के बीच संपन्न हुआ। आज नव वर्ष का पहला दिन था बड़ी संख्या में श्रद्धालु काली मंदिर पहुंचकर माता की पूजा करना चाहते थे जिनको मंदिर के कपाट बंद होने के चलते, आज मायूसी हाथ लगी।
दरअसल रविवार एक जनवरी को जन्मदिन के नाम पर मंदिर के कपाट आज बंद रखे गए वही जन्मदिन के निमंत्रण पत्र में छपे वीआईपी मुख्यमंत्री, कैबिनेट मंत्री सहित विभिन्न नामों के चलते जिला प्रशासन ने भी बड़े स्तर पर तैयारी की हुई थी, जिसके चलते बाहर सभी प्रसाद की दुकानों को भी बंद करा दिया गया था। बावजूद इसके कार्यक्रम में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी नहीं पहुंचे, इसके साथ ही सरकार का कोई भी मंत्री कार्यक्रम में नहीं पहुंचा, जबकि मंत्रियों के फोटो लगे पोस्टर पूरे शहर में पाट दिए गए थे, कार्यक्रम में पहुंची भक्तों की भीड़ को भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा, दूरदराज से कार्यक्रम में शामिल होने आए लोग भोजन के लिए भटकते रहे, कहीं कोई व्यवस्था ना तो देखने वाला था और ना ही बताने वाला था, धक्का-मुक्की और भोजन के लिए मारामारी होती रही ,कई बड़े संत भी भोजन के लिए इधर-उधर भटकते दिखाई दिए,भोजन ना मिलने के चलते भूख के मारे लोगों मंच के पास रखे फलों को खाते हुए नजर आए, खैर अव्यवस्थाओं के बीच जन्म दिवस का कार्यक्रम काफी भव्य रूप में संपन्न हुआ। जबकि महाराज श्री द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की माता के देहांत के चलते कार्यक्रम को साधारण तौर पर मनाने की बात कही थी।
कार्यक्रम में मीडिया के लिए भी नही की गई व्यवस्था:-
महाराज के जन्म उत्सव के कार्यक्रम को कवरेज करने के लिए शहर भर की मीडिया को निमंत्रण भेजा गया था, महाराज जी के शिष्य अवंतिकानंद ब्रह्मचारी (अंकुश) द्वारा लगातार मीडिया के ग्रुपों भी निमंत्रण भेज कर सभी मीडिया कर्मी को कवरेज के लिए बुलाया गया था। लेकिन कार्यक्रम स्थल पर किसी भी मीडिया कर्मी को बैठने के लिए कोई भी सीट अरेंजमेंट नहीं किया गया था, इतना ही नहीं जो मीडिया कर्मी कार्यक्रम को कवरेज करने के लिए पहुंचे थे, उन्हें खाने की तो छोड़िए जल पान को भी नही पूछा गया, भोजन प्रसाद के निमंत्रण पर पहुंचे मीडियाकर्मी बिना खाए भूखे पेट वापस लौटे।
कई वरिष्ठ संत भी भूखे पेट वापस गए:-
एक वरिष्ठ साध्वी से मौके पर हुई बातचीत में उन्होंने भी बताया कि अव्यवस्थाओं के।बीच हुआ इस कार्यक्रम में वे भी बिना खाये ही वापस जा रही है। ऐसे ही कई और संत रहे जो भीड़ ओर अव्यवस्थाओं के कारण बिना खाये ही कार्यक्रम से लौट आये।