हरिद्वार। संयुक्त किसान मोर्चा ने विधायको का मानदेय को दुगना करने का विरोध करते हुए कहा है कि विधायको का केतन 1 लाख 60 हजार से बढ़ाकर 3 लाख 20 हजार रुपये कर दिया है और उनको कई कई पेंशन दी जा रही है जबकि सरकारी कर्मचारियों की पेंशन समाप्त की जा रही है यह न्यायोचित नही है , उन्होंने कहा कि विधायकों की कई कई पेंशन लेने का विरोध है और उनको पेंशन नादि मिलनी चाहिए और अगर दी भी जाये तो केवल एक पेंशन ही दी जाए ,उन्होंने कहा कि गरीब आदमी को मिलने वाली पेशन को बड़ा कर 5 हजार किया जाए और पंजाब की तर्ज पर 300 यूनिट तक बिजली फ्री की जाए , विधायको के वेतन जिस तरह से बढ़ रहा है उसी तरह किसानों की फसल के दाम बढ़ाये जाने चाहिए,
उन्होंने चेतावनी दी कि अगर उनकी मांगे पूरी नही होने तो जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन किया जाएगा और बाद में देहरादून में भी प्रदर्शन किया जाएगा और जब तक मांगे पूरी नही होंगी आंदोलन जारी रहेगा।
भारतीय किसान यूनियन टिकैत के गढ़वाल मंडल अध्यक्ष संजय चौधरी का कहना है कि सरकार नई बनी है और 4 दिन ही हुए और सरकार ने 4 दिन में ही यहां के विधायकों की तनखा दोगुनी कर दी है हमारा इसका विरोध है गरीब को लेकर उसका वोट लेकर विधानसभा पहुंचे हैं तो गरीब की बात करनी चाहिए जिन्हें ₹1000 पेंशन मिल रही है उसे 5000 कर देते लेकिन इन्होंने जिन्हें ₹160000 मिल रहे हैं उनको बढ़ाकर ₹320000 कर दिए क्या यह न्याय हित में है ,उन्होंने मांग की कि इसे वापस लिया जाए और गरीबों की पेंशन ₹5000 की जाए उन्होंने साफ कहा कि इस को लेकर आंदोलन करते रहेंगे जब तक यह मांगे पूरी नहीं होती है इसके लिए जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन किया जाएगा और देहरादून में भी प्रदर्शन होगा जिनकी तिथियां बाद में घोषित की जाएंगी , विधायकों की तनख्वाह जिस तरह से बढ़ रही है उसी तरह से फसलों की रेट बढ़ाए जाने चाहिए किसानों को सब्सिडी दी जानी चाहिए पंजाब की तरह बिजली किसानों को फ्री मिलनी चाहिए इस संबंध में उनकी सरकार से कोई बात नहीं हुई है यह किसानों को ही नहीं जनता का शोषण है वृद्धावस्था पेंशन व अन्य पेंशन को 5000 किया जाए ।
उत्तराखंड किसान मोर्चा के अध्यक्ष गुलशन रोड का कहना है कि एक तरफ किसान अधिकारियों कर्मचारियों व पुलिस कर्मियों की पेंशन खत्म कर रही है वही एमएलए को कई कई पेंशन दी जा रही है उन्होंने मांग की कि एमएलए चाहे एक बार का हो या 10 बार का उसे पेंशन नहीं मिली चाहिए क्योंकि वह जनसेवा का काम करने की बात करके आते हैं लेकिन अपने चुनाव में करोड़ों रुपया खर्चा करते हैं तो उन्हें कोई पैसा नहीं दिया जाना चाहिए और अगर पेंशन दी भी जाती है तो केवल एक ही बार की पेंशन मिलनी चाहिए चाहे वह कितनी ही बार के विधायक हो उन्होंने कहा कि इस सब को लेकर किसान आंदोलन करेंगे और देहरादून में भी प्रदर्शन करेंगे।