
एक और बैंक आया जिला प्रशासन के रडार पर; डीएम ने काटी आरसी, कभी भी हो सकता है सील; नीलाम, ठप्प
4 बालिकाओं की विधवा मॉ प्रिया को प्रताड़ित करते सीएसएल बैंक व टाटा एआईए इंश्योरेंश का हश्र सर्वव्यापी;
डीएम से मुलाकात के ही दिन इशारा होते ही तय हो गई थी बैंक नियतिः
6.50 लाख गृह ऋण का बीमा होने के बावजूद बैंक व इंश्योरेंश कम्पनी नही दे रही क्लेम न ही ऋण माफीः
डीएम ने पकड़ा ऋण के बीमा का बड़ा खेल; बैंक प्रबन्धक की काटी 6.50 लाख की आरसी;
पहले ऐसे ही एक घटना में जनमन देख चुके हैं दोषी बैंक व पीड़िता शिवानी के दर्द का अंजामः
नए अवतार में जिला प्रशासन; असहाय निर्बल के शोषण पर अपने प्रचंड रूप में जिला प्रशासनः जनमानस को गुमराह-परेशान करने वालों पर सख्त फैसलों से नकेल
विधवा महिला फरियादी प्रिया के पति विकास कुमार की मृत्यु उपरांत एक वर्ष से भटक रही थी न्याय को; जिला प्रशासन ने काटी बैंक प्रबन्धक की आरसी
जनमानस से बना; जनमानस के लिए ही तत्पर सदैव जिला प्रशासन
मा0 मुख्यमंत्री की कार्यशैली से प्रेरित जिला प्रशासन के नित नए कड़े व बड़े फैसलों की ऋृंखला जारी
मृत्यु के उपरान्त आश्रितों की फजीहत करा रहे बैंक, प्रशासन का मिला सहारा
आर्थिक तंगी से जूझ रही 04 बालिकाओं की विधवा मॉ प्रिया ने डीएम से लगाई गुहार;
देहरादून । जिला प्रशासन निरंतर अपने कड़े फैसलों से जहां जनमानस को उनका अधिकार दिला रहा है वहीं जनमानस को अनावश्यक परेशान करने वालों पर भी नकेल कस रहा है, जिससे ऐसा कृत्य करने वालों में प्रशासन का खौफ भी बढा है। बावजूद इसके नये प्रकरण भी सामने आ रहे हैं। जिलाधिकारी सविन के सम्मुख एक ताजा प्रकरण बैंक से आया है जिसमें महिला के पति की मृत्यु हो जाने पर बीमित बैंक ऋण के एवज में सुरक्षा देने के बजाय विधवा महिला को परेशान किया जा रहा है। जिस पर जिलाधिकारी ने सम्बन्धित बैंक सी.एस.एल. फाईनेंस लि0 के प्रबन्धक की 6.50 लाख की आरसी जारी करते हुए निर्धारित समयावधि में जमा कराने के आदेश दिए गए हैं, जमा न कराने की दशा में बैंक शाखा की कुड़की कर वसूली की जाएगी।
एक और बैंक आया जिला प्रशासन के रडार पर; डीएम ने काटी आरसी, कभी भी हो सकता है सील; नीलाम, ठप्प। 4 बालिकाओं की विधवा मॉ प्रिया को प्रताड़ित करते सीएसएल बैंक व टाटा एआईए इंश्योरेंश का हश्र सर्वव्यापी। डीएम से मुलाकात के ही दिन डीएम का इशारा होते ही तय हो गई बैंक नियतिः आर सी जारी। पहले ऐसे ही एक घटना में जनमन देख चुके हैं दोषी बैंक व पीड़िता शिवानी के दर्द का अंजाम फरियादी के घर दौडे़-दौड़े सम्पति के कागज लेकर गए थे बैंक के अधिकारी। मा0 मुख्यमंत्री की कार्यशैली से प्रेरित जिला प्रशासन के नित नए कड़े व बड़े फैसलों की ऋृंखला जारी है। जिला प्रशासन अपने नए अवतार में है। अब असहाय निर्बल के शोषण की घटनाओं पर प्रशासन अपने प्रचंड रूप में नजर आ रहा है। जनमानस को गुमराह-परेशान करने वालों पर सख्त फैसलों से जहां नकेल कसी जा रही हैं, वहीं जनमानस में भी खुशी की लहर है। विधवा प्रिया के मामले में 6.50 लाख गृह ऋण का बीमा होने के बावजूद बैंक व इंश्योरेंश कम्पनी न ही क्लेम न ही ऋण माफी दे रही है। विधवा महिला फरियादी प्रिया के पति विकास कुमार की मृत्यु उपरांत एक वर्ष से न्याय को भटक रही है, जिला प्रशासन ने बैंक प्रबन्धक की आरसी काट दी है। मृत्यु के उपरान्त आश्रितों की फजीहत करा रहे बैंक, अब फरियादियों को प्रशासन का मिल गया है। डीएम ने ऋण के बीमा का बड़ा खेल पकड़ते हुए बैंक प्रबन्धक की 6.50 लाख की आरसी काट दी है। पति की मृत्यु के उपरान्त आर्थिक तंगी से जूझ रही है। 04 बालिकाओं की विधवा मॉ प्रिया ने डीएम से लगाई गुहार, जिस पर प्रशासन ने आरसी काटते हुए कार्यवाही शुरू कर दी है।
इससे पूर्व भी डीएम के सम्मुख एक इसी प्रकार का मामला शिवानी गुप्ता का आया था जिसमें जिला प्रशासन ने बैंक प्रबन्धक की 15.50 लाख की आरसी काटते हुए बैंक सील कर दिया था। जिसके उपरान्त बैंक ने फरियादी का ऋण माफ करते हुए उसकी सम्पत्ति के कागज उसके घर जाकर लौटाए थे। अब ताजा मामला प्रिया का आया है जिसमें जिलाधिकारी गंभीर है तथा बैंक प्रबन्धक की आरसी काट दी है।
जिलाधिकारी सविन बंसल के समक्ष 11 जुलाई 2025 को बैंक ऋण से जुड़ा एक प्रकरण आया जिसमें फरियादि प्रिया ने डीएम को बताया कि उनके पति स्व0 विकास कुमार द्वारा 6.50 लाख का बैंक से ऋण लिया था तथा बैंक के अनुरोध पर ऋण का भी बीमा भी करवाया था। बीमा कम्पनी द्वारा ऋण का बीमा करते समय सभी मानकों /जांच जिसमें शारीरिक तथा अन्य समस्त जांच की औपचारिकताएं पूर्ण करते हुए ऋण का बीमा किया गया तथा प्रीमियम शुल्क काटते हुए ऋण भुगतान उनके पति को किया गया। उनके पति की मृत्यु 12 जुलाई 2024 को आकस्मिक मृत्यु हो गई थी।