नितिन राणा
सावन मास का यह पवित्र महीना संपूर्ण भारतवर्ष में एक त्योहार के रूप में मनाया जाता हैl जो लोग भगवान शिव की पूजा अर्चना करते हैं उनके लिए यह पवित्र माह
बहुत ही खास होता है lतथा भगवान भोलेनाथ के प्रिय भक्त इस पवित्र सावन माह को प्रतिवर्ष अपने आराध्य भगवान को हर की पौड़ी हरिद्वार से गंगा जल भर के अपने-अपने आराध्य देव को जलाभिषेक करते हैंl क्या आप जानते हैं कि सावन महीने में ही क्यों भगवान भोलेनाथ की पूजा का महत्व बढ़ जाता है तथा भोलेनाथ को यह सावन का पवित्र महीना इतना ज्यादा पसंद क्यों है पुरानी कथा के अनुसार ब पुरानी मान्यता के अनुसार सावन मास हिंदू कैलेंडर में पांचवें स्थान पर आता है और इस मास के साथ ही वर्षा ऋतु का महीना भी आरंभ हो जाता हैl सावन मास में जितने भी सोमवार आते हैं प्रति सोमवार को भगवान शिव का जल अभिषेक किया जाता है कई जगह पर रुद्राभिषेक तथा दुग्ध अभिषेक कर भोलेनाथ को खुश कर के तथा उपवास रखकर भक्त अपने सभी दुख दर्द दूर कर संपूर्ण सुख शांति की मनोकामना पूर्ण करते हैं l भगवान भोलेनाथ को यह पवित्र महीना बहुत ही प्रिय है पुरानी कथा के अनुसार राजा दक्ष की पुत्री सती ने कई वर्षों तक अपना श्रापित जीवन जिया तथा उसके पश्चात माता सती ने हिमालय राज् के वहां पार्वती के रूप में जन्म लिया l जन्म लेने के पश्चात पार्वती ने सावन महीने में भगवान शिव से विवाह करने के लिए कठोर तप व कठोर व्रत धारण किए जिससे भोलेनाथ नेअति प्रसन्न होकर माता पर्वत पार्वती से विवाह किया औरअपने भार्य को पुनः पाकर भगवान शिव अति प्रसन हुए lतथा पुराणिक मान्यता व कथा के अनुसार कुंवारी कन्या सावन माह के सोमवार को व्रत करके अपनी पूर्ण मनोकामना पूर्ण कर सकती है lवैसे यह कहावत भी कि सावन महीने में भगवान भोलेनाथ ने धरती पर आ करके अपनी ससुराल में विचरण किया था जिसके पश्चात भगवान शिव का जलाभिषेक से भव्य स्वागत किया गया तब से जल अभिषेक की परंपरा आज तक निरंतर चली आ रही हैl धार्मिक मान्यता के अनुसार भी सावन मास में ही समुद्र मंथन हुआ था जिसमें निकले हलाहल विश को भगवान शिव ने ग्रहण कर लिया था जिस कारण उनका नाम नीलकंठ पड़ाl भगवान शिव ने ही इस संपूर्ण सृष्टि को इस विश से बचाया था इस कारण से सभी देवी देवताओं ने उन पर जल डाला इसी कारण भगवान शिव के अभिषेक में जल का स्थान है lवर्षा ऋतु के चौमासा में भगवान विष्णु योग निद्रा में चले जाते हैं इस प्रकार से पूरी सृष्टि भगवान भोलेनाथ के अधीन हो जाती है इसलिए चौमासा में मनुष्य जाति कई प्रकार के दान उपवास धार्मिक कार्य करते है l शिव पुराण के अनुसार कहा गया है कि सावन महीना के दौरान जो भी भग्त अपनी मनोकामना पूर्ण करना चाहते हैं वह भोलेनाथ का व्रत कर इस पवित्र महीने में अपनी सभी मनोकामना पूर्ण कर सकते हैंl