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11 को ही मनाये रक्षाबंधन का पर्व, श्रीखण्ड परशुराम अखाड़े द्वारा आयोजित सांगो में ब्राह्मणों ने साफ की स्थिति

हरिद्वार। भारतीय संस्कृति में विशेष महत्व रखने वाले रक्षाबंधन पर्व की तिथी को लेकर श्री परशुराम घाट पर श्री अखण्ड परशुराम अखाड़े के अध्यक्ष पंडित अधीर कौशिक के संयोजन में संगोष्ठी आयोजित की गयी। गोष्ठी में मुख्य वक्ताओं ने कहा कि कुछ लोग रक्षाबंधन पर्व की तिथी को लेकर भ्रम फैला रहे हैं। जिससे आम लोगों में पर्व को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है। श्री अखण्ड परशुराम अखाड़े के अध्यक्ष पंडित अधीर कौशिक ने कहा कि हिंदू पंचाग के अनुसार 11 अगस्त को ही रक्षाबंधन पर्व मनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि कुछ लोग तिथी को लेकर भ्रम फैला रहे हैं। पंचाग में वर्णित तिथीयों के अनुसार ही हिंदू पर्वो को मनाया जाता है। पंडित अधीर कौशिक ने कहा कि भाई बहन के अटूट प्रेम को दर्शाने वाले रक्षाबंधन पर्व को परंपरांओं के अनुरूप ही मनाया जाए। राज्य में रक्षाबंधन पर्व हर्षोल्लास व उत्साह के साथ मनाया जाता है। रक्षाबंधन पर्व को लेकर किसी भी प्रकार का भ्रम नहीं फैलाना चाहिए। 11 अगस्त को ही हिंदू पंचांग के अनुसार के रक्षाबंधन पर्व मनाया जाएगा। समय 11:39 1:30 तक शाम 4:00 बजे से 7:00 बजे के 40 मिनट श्रीमद् भागवत आचार्य पवनकृष्ण शास्त्री, ज्योतिषाचाार्य विष्णु शर्मा ने कहा कि रक्षाबंधन पर्व संस्कृति व पर्वो को दर्शाने वाला पर्व है। पर्व की महत्ता को समझना चाहिए। भाई बहन के अटूट बंधन को दर्शाने वाले रक्षाबंधन पर्व को लेकर कुछ भ्रांतियां फैला रहे हैं। हिंदू पंचाग के अनुसार ही पर्व को मनाया जाना न्यायसंगत है। समाजसेवी जेपी बड़ोनी ने कहा कि धर्माचार्यो एवं संत महापुरूषों को आगे आकर सामाजिक दायित्व निभाते हुए रक्षाबंधन पर्व को लेकर बनी भ्रम की स्थिति दूर करनी चाहिए। पर्व को लेकर भ्रम फैलाना गलत है। हिंदू पंचाग के अनुसार ही रक्षाबंधन पर्व मनाया जाए। पंडित गोपाल कृष्ण बड़ोला, शक्तिधर शास्त्री, नरेंद्र श्रमिक आदि ने भी विचार रखे।

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