India

वेश्यावृत्ति को वैध पेशा मानते हुए सुप्रीम कोर्ट ने दिया बड़ा फैसला, पुलिस के दखल पर लगाई रोक

नई दिल्ली । वेश्यावृत्ति पर अहम फैसला लेते हुए सुप्रीम कोर्ट ने एक देश में वेश्यावृत्ति को वैध करार दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने साफ शब्दों में कहा है कि पुलिस इसमें दखलंदाजी नहीं कर सकती और ना ही सहमति से यह कार्य करने वाले सेक्स वर्करों के खिलाफ कोई कार्रवाई कर सकती है।
शीर्ष अदालत ने इस मामले में अपने आदेश में कहा है कि सेक्स वर्कर भी कानून के समक्ष सम्मान व बराबरी के हकदार हैं। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एल. नागेश्वर राव की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने यह अहम फैसला दिया। पीठ ने सेक्स वर्करों के अधिकारों की रक्षा के लिए छह सूत्रीय दिशानिर्देश भी जारी किए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने इन सिफारिशों पर सुनवाई की अगली तारीख 27 जुलाई तय की है ओर केंद्र सरकार को इन पर अपना जवाब देने को कहा है।

वेश्यालय चलाना गैर कानूनी, वेश्यावृत्ति नहीं :

सुप्रीम कोर्ट ने अपने द्वारा दिये फैसले में साफ शब्दों में कहा कि स्वैच्छिक वेश्यावृत्ति अवैध नहीं है। केवल वेश्यालय चलाना गैरकानूनी है। सुप्रीम कोर्ट ने यहाँ यह भी कहा है कि शिकायत दर्ज कराने वाली सेक्स वर्करों के साथ पुलिस भेदभाव ना करे। यदि उसके खिलाफ किया गया अपराध यौन प्रकृति का हो तो तत्काल चिकित्सा और कानूनी मदद समेत हर सुविधा प्रदान की जानी चाहिए। कोर्ट ने कहा कि सेक्स वर्करों के प्रति पुलिस का रवैया अक्सर क्रूर और हिंसक होता है। ये ऐसे वर्ग के होते हैं, जिनके अधिकारों को मान्यता नहीं है, इसलिए उनके मामलों में संवदेनशील रवैया अपनाने की जरूरत है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *