Uttarakhand

दिव्य ज्योति कलश यात्रा मानवता के जागरण और युग परिवर्तन की दिशा में ऐतिहासिक कदम

नैनीताल जनपद के गायत्री नगर, काठगोदाम में 73वें दिन की दिव्य ज्योति कलश यात्रा का भव्य आयोजन हुआ। यहाँ दिव्य कलश पूजन के पश्चात यात्रा ने ग्राम पूर्वी खेड़ा (गोलापार) में यज्ञ के साथ विभिन्न क्षेत्रों का भ्रमण किया। इनमें सूर्या देव बैंक्वेट हॉल खेड़ा, कृष्णा हरि सरस्वती शिशु विद्या मंदिर किशनपुर, रूपपुर, जगतपुरा, लाखन मंडी, ग्राम जयपुर (चोरगलिया) आदि शामिल रहे।

इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य 2026 में अखिल विश्व गायत्री परिवार, शांतिकुंज हरिद्वार के तत्वावधान में आयोजित होने वाले महायज्ञ की प्रेरणा देना है। यह यात्रा युगदृष्टा, वेदमूर्ति, तपोनिष्ठ परम पूज्य गुरुदेव पं. श्रीराम शर्मा आचार्य जी के महान संकल्प— “मनुष्य में देवत्व का उदय और धरती पर स्वर्ग का अवतरण” को साकार करने के लिए संचालित की जा रही है। वसंत पर्व 1926 से प्रज्वलित अखंड दीपक की आध्यात्मिक ऊर्जा और अखंड गायत्री जप के माध्यम से लोककल्याण का दिव्य संदेश जन-जन तक पहुँचाया जा रहा है।

इस महायज्ञ का लक्ष्य है कि युवा व्यसनों से मुक्त होकर अपनी ऊर्जा को सही दिशा में लगाएं, समाज संकीर्ण भेदभाव से ऊपर उठे, जाति, धर्म, भाषा, क्षेत्र और लिंग के विभाजनों को त्यागकर “वसुधैव कुटुंबकम्” की भावना को अपनाए। राष्ट्र को सशक्त बनाने, नारी शक्ति के उत्थान, एकता, समता और शुचिता की भावना को बढ़ाने की प्रेरणा दी जा रही है। इस महायज्ञ के माध्यम से अखंड भारत के निर्माण का संकल्प लिया गया है और युगऋषि की भविष्यवाणी के अनुसार भविष्य में संपूर्ण विश्व एक राष्ट्र, एक धर्म और एक संविधान के मार्ग पर अग्रसर हो—इस दिव्य लक्ष्य की ओर समाज को प्रेरित किया जा रहा है।

हल्दूचौड़ शक्तिपीठ के व्यवस्थापक एवं कुमाऊँ उप-जोन समन्वयक वसंत पांडेय के मार्गदर्शन में विभिन्न स्थानों पर कार्यक्रमों का सफल संचालन किया गया। इस दिव्य ज्योति कलश यात्रा को अपार जनसमर्थन प्राप्त हो रहा है। लोग श्रद्धा और उत्साह के साथ गायत्री माता की स्थापना अपने घरों में करवा रहे हैं और गायत्री परिवार के रचनात्मक एवं सुधारात्मक कार्यक्रमों से प्रेरित होकर अपने जीवन में सकारात्मक परिवर्तन ला रहे हैं।
गायत्री परिवार का ध्येय वाक्य “हम सुधरेंगे, युग सुधरेगा; हम बदलेंगे, युग बदलेगा” अब जन-जन की भावना बनता जा रहा है। यह यात्रा केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि आध्यात्मिक जागरण एवं समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने का सशक्त अभियान है। युग परिवर्तन की यह ज्योति मानवता को एक नई दिशा देने और एक समृद्ध, सशक्त एवं संस्कारित समाज के निर्माण की ओर तेजी से अग्रसर है।

दिव्य ज्योति कलश यात्रा के सफल आयोजन में उत्तराखंड प्रांत के समन्वयक दिनेश चंद्र मैखुरी, शांतिकुंज से बी.सी. पंत, नई टिहरी से बी.पी. बदहानी, हल्द्वानी से लक्ष्मीनारायण पांडेय सहित अनेक समर्पित कार्यकर्ताओं का महत्वपूर्ण योगदान रहा। इस पावन यात्रा में स्थानीय कार्यकर्ताओं का भी विशेष सहयोग रहा, जिनमें चंद्रकला रौतेला, थान सिंह रौतेला, मीना जोशी, षष्टी बजेठा, चंद्रशेखर सुयाल, नारायण दत्त भट्ट, मंगल चंद जोशी, सरस्वती सुयाल, दीप्ति भट्ट, संगीता बड़ोला, शांति जोशी, मीरा तिवाड़ी, महेश तिवाड़ी, राधा खाती, कुवेर सिंह खाती, मोहन मेहरा, विनोद कुमार यादव, देवनाथ यादव, सुरेश राणा और रमा पांडेय प्रमुख रूप से सक्रिय रहे। सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने तन, मन और धन से इस पावन कार्य में सहयोग दिया, जिससे यह यात्रा भव्य और सफल रूप से संपन्न हो सकी।


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