फर्जी कोऑपरेटिव सोसाइटी के नाम पर उत्तराखंड में करोड़ों रुपए की ठगी करने वाले पांच लोगों को पौड़ी पुलिस ने गिरफ्तार किया है। पुलिस को शक है कि आरोपियों ने उत्तराखंड के बाहर भी इसी तरह से धोखाधड़ी की है, जिसकी पुलिस जांच कर रही है। पुलिस की जांच में ये भी सामने आया है कि आम जनता से ठगा हुआ पैसा हवाला के लिए विदेश में भेजा जा रहा है। पौड़ी गढ़वाल एसएसपी लोकेश्वर सिंह ने इस पूरे मामले का खुलासा किया।
पुलिस ने बताया कि कोटद्वार निवासी तृप्ति नेगी ने द लॉयन अरबन मल्टी स्टेट क्रेडिट एंड ट्रेफ्ट को आपरेटिव सोसायटी की शाखा दुगड्डा के मैनेजर विनीत सिंह और कैशियर प्रज्ञा रावत के खिलाफ तहरीर दी थी। तृप्ति नेगी ने बताया कि मैनेजर और कैशियर ने आरडी खुलवाने के नाम पर वादिनी से पैसे तो ले लिए हैं, लेकिन उन्हें इसका न तो कोई बॉन्ड दिया है और न ही उनके पैसे को जमा किया। इस प्रकार दोनों ने उसके साथ धोखाधड़ी की है।
पुलिस ने पीडि़ता की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच शुरू की। पौड़ी एसएसपी के निर्देश पर अपर पुलिस अधीक्षक कोटद्वार की अध्यक्षता में जांच टीम का गठन किया गया। जांच के दौरान टीम के सामने आया कि गिरीश चन्द्र सिंह बिष्ट निवासी मीरा नगर बीरभद्र ऋषिकेश ने साल 2016 में आईडीपीएल ऋषिकेश में कंपनी, सोसाइटी की ब्रान्च खोली और लोगों को मोटे मुनाफे का लालच देकर उनका पैसा लगवाया था।
पुलिस की जांच में सामने आया कि इसी तरह जीसीएस बिष्ट ने उत्तराखंड में करीब 35 शाखाएं खोलीं। इसमें जनपद पौड़ी में दुगड्डा, कोटद्वार, सतपुली, श्रीनगर। वहीं जनपद देहरादून, रुद्रप्रयाग, चमोली, उत्तरकाशी, टिहरी आदि में भी शाखायें खुलवायी गई। जीसीएस बिष्ट ने अपने चार लोगों को ब्रांच हेड बनाया, जिसमें मंगला, तरुण मौर्य निवासीगण मीरा नगर ऋषिकेश, सोनू निवासी हर्बटपुर विकासनगर व उर्मिला बिष्ट निवासी ऋषिकेश हैं।
पुलिस के मुताबिक इन चारों का काम अन्य शाखाओं से पैसा लेना व जीसीएस बिष्ट के माध्यम से आगे भिजवाने का था। बाद में जीसीसीएस बिष्ट उत्तराखंड हेड बन गया और राज्य में कई सेमिनार का आयोजन कराया। इस तरह वो लोगों को एलयूसीसी में रुपए इन्वेस्टमेन्ट का लालच दे रहे थे। लोगों को भी एलयूसीसी की योजना पंसद आ रही थी। एलयूसीसी में लोगों का पैसा इन्वेस्ट करने वाले एजेंटों और ब्रांच मैनेजरों को विदेश टूर व महंगा-महंगा गिफ्ट भी दिया जाता था।
इस तरह मैनेजर विनीत सिंह ने जीसीएस बिष्ट व उर्मिला बिष्ट ब्रान्च मैनेजर छिद्दरवाला देहरादून के कहने पर एलयूसीसी की दुगड्घ्डा में शाखा खोली। यहां पर भी इन्होंने लोगों को अपने जाल में फंसाने के लिए सेमिनार का आयोजन किया। पुलिस के मुताबिक आरोपी लोगों को यहां तक प्रलोभन देते थे कि उनका पैसा विदेश में तेल के कुओं और सोने की खदानों आदि खरीदने में इन्वेस्ट किया जा रहा है। वहां से उन्हें अच्छा मुनाफा होगा। इसी तरह लोगों ने एलयूसीसी ने अपना पैसा लगाना शुरू कर दिया।
पुलिस जांच में सामने आया कि एलयूसीसी सोसायटी के खिलाफ कोतवाली ललितपुर उत्तर प्रदेश में साल 2024 में पांच मुकदमे दर्ज हुए थे। इसके अलावा मध्य प्रदेश में भी एक केस दर्ज है। पुलिस जांच में ये भी सामने आया है कि समीर अग्रवाल पुत्र राजेन्द्र अग्रवाल निवासी मुम्बई हाल निवासी दुबई ने साल 2016 में सागा नाम की संस्था की स्थापना की थी, जिसमें 9 सोसाइटी बनायी गयी थी। इसमें से एक एलयूसीसी है, जिसका कारोबार यूपी, हरियाणा और उत्तराखंड में है।
पुलिस की जांच में समीर अग्रवाल और आरके सेड्डी निवासी मुम्बई (फाइनेंस एडवाइजर), संजय मुदगिल ट्रेनर और परीक्षित पारसी लीगल एडवाइजर का नाम भी सामने आया। समीर अग्रवाल के दुबई भाग जाने के तथ्य प्रकाश में आये हैं। एलयूसीसी के अतिरिक्त जो अन्य सोसाइटी हैं, उनके खाता धारकों के मैच्युरिटी का पैसा भी वापस नहीं दिया जा रहा है।