Uttarakhand

किडनी के मरीज और बाकी सभी के लिए, जानिए उपचार

टाक्सिन बाहर तीन तरह से आता है त्वचा के रस्ते पसीने के द्वारा, फेफड़े से सांस के द्वारा और किडनी से पेशाब के द्वारा इन तीनो में 95 प्रतिशत टाक्सिन शरीर से बाहर पेशाब के द्वारा ही आता है, इसलिए पानी ज्यादा से ज्यादा पीने की जरुरत है, लेकीन यदि पेशाब नहीं हो रही है और उसके बावजूद आपने पानी ज्यादा पिया तो जलोदर की प्रॉब्लम हो सकती है। इसी बात को समझाने के लिए मै यह पोस्ट लिख रहा हूँ।

सबसे पहले इस कड़ी में हमें यह जानना है कि पेशाब बनता कैसे है हमारी दोनों स्वस्थ्य किडनी 24 घंटे में करीब 450 बार पुरे शरीर के रक्त को फिल्टर करती है इस प्रकार करीब 1700 लिटर खून साफ करने का काम किडनी करती है।

दोनों किडनी में करीब 10 लाख से अधिक नेफ्रोंस होते है। हर नेफ्रोंस के दो शिरे होते हैं। एक शिरे को ग्लोमेरुँलर और दुसरे शिरे त्युबुल्स कहते है यही हमारे ग्लोमेरुँलर 1700 लिटर खून से 200 लिटर यूरिन बनाते हैं, जिसका 99 प्रतिशत भाग त्युबुल्स अब्सोर्वे कर लेता है और बाकि 1.5 से 2 लिटर यूरिन युरेटर के द्वारा मूत्राशय में जमा होता है। जब मूत्राशय में करीब 350 एम्एल यूरिन जमा हो जाता है, तब हमें पेशाब की अनुभूति होती है।
इसलिए हमेशा जितना पेशाब होता है उससे 500 एम्एल ज्यादा पानी पीना चाहिए यदि 1.5 लिटर यूरिन हुआ है इसका मतलब पेशाब की समस्या नहीं है और कम से कम 4 से 5 लिटर पानी जरुर पीना चहिये।

अब सबसे महत्वपूर्ण प्रश्न यह है की जिन्हें पेशाब ठीक से नहीं हो रही है, वो पानी की मात्रा कैसे बढ़ाये इसके लिए उन्हें कुछ घरेलु नुस्खों का प्रयोग करना चाहिए, एलोपैथी दवाओं की मदद से पेशाब को बढ़ने की कोशिश नहीं करनी चाहिए नहीं तो उससे किडनी पर असर पड़ता है।

निचे कुछ प्रयोग लिख रहे है उसे ध्यान से पढि़ए।

मूली के पत्तो का जूस दिन में 4 बजे के पहले एक एक कप करके 3 बार पी सकते हैं, इससे यूरिन खुलकर होगा।

हरा धनिया के 50 ग्राम पत्तों को छोटा-छोटा काटकर एक गिलास पानी में 10 मिनट् उबाले, पत्तों को छानकर फेक दीजिये और पानी को हलका गरम गरम खली पेट सुबह शाम पीजिये।

सुखा धनिया एक चम्मच एक गिलास गरम पानी में रात भिगो दीजिये और सुबह उसे अच्छी तरह मसलकर धनिया छानकर फेक दीजिये और पानी खाली पेट पीजिये धीरे-धीरे पेशाब खुलकर आने लगेगा।

पेशाब नहीं हो रहा है तो एक गिलास गरम पानी में थोडा सा फिटकिरी पाउडर मिलाकर खारा करके पीजिये, इससे पेशाब आने लगेगी, लेकीन जो लोग डायलिसिस करा रहे है वो लोग इस प्रयोग को न करें।

जिन लोगांे का पोटैशियम बढा है वो लोग धनियाँ वाला प्रयोग न करे उनके लिये मूली के पत्तो वाला प्रयोग सबसे सुरक्षित और सेफ है।

पेशाब में जलन की समस्या:-
दो छोटी इलायची के दाने दिन में दो बार पानी के साथ निगल लीजिये।

पतली छाछ में सोडा मिलाकर पीजिये।

एक छोटा चम्मच धनिया लें। इसे एक कप बकरी के दूध में मिलाएं, मिठास के लिए मिश्री भी डाल लें। इसे पीने से पेशाब की जलन खत्म होगी।

पानी को अमृत कैसे बनाये:-
पानी को 20 मिनट्स उबालकर सूती कपडे से छानकर ताम्बे के बरतन में या मिट्टी के बर्तन में थोड़े से तुलसी के पत्ते डालकर रख दीजिये 3 घंटे के बाद आपका पानी फिर अमृत के जैसा हो जाएगा।

पानी को मिट्टी के घड़े में डालकर थोड़ी सी फिटकिरी डालकर रख दीजिये पानी शुद्ध हो जायेगा और उसकी जीवनी शक्ति भी बनी रहेगी।

एक लिटर पानी में 100 ग्राम जौ डालकर 15 मिनट् उबालें उसके बाद छानकर रख लीजिये, यह भी पानी बहुत फायदे का रहेगा।

कांच की ग्रीन बोतल में पानी भरकर सूर्य की रोशनी में 8 घंटे के लिए रख दीजिये उसके बाद सुबह-सुबह उठाते ही मुह धोकर पीजिये एक कप दोपहर के भोजन के आधा घंटा पहले पीजिये एक कप रात का भोजन के पहले पीजिये यह पानी बीमारियों से बचाएगा।

वाटर प्योरिफायर के पानी को मिट्टी के घड़े में रखे फिर 4 घण्टे बाद इस्तेमाल करें।

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