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हरिद्वार त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी यतिश्वरानंद बने किंग मेकर

पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद की रणनीति के सामने विपक्षी हुए धराशायी, किंगमेकर की भूमिका में उभरकर आए सामने
— स्वामी के दाव—पेंच के बाद प्रत्याशी तक घोषित नहीं कर सके दूसरी पार्टियों के पदाधिकारी
— मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की उम्मीदों पर खरा उतरे पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद, जिम्मेदारी दिलाने की उठने लगी मांग
हरिद्वार। पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद की रणनीति के सामने विपक्षी धराशायी होने के साथ असहायों की तरह नजर आए। यहां तक स्वामी यतीश्वरानंद के दाव—पेंच के सामने विपक्षी पार्टी के पदाधिकारी प्रत्याशी घोषित तक नहीं कर सके। यहां तक विपक्षियों के पास नामांकन करने के लिए प्रस्तावक सदस्य तक नहीं छोड़ा। जो विधानसभा चुनाव में विपक्ष उनके सामने दीवार बनकर खड़ा हुआ तो बालू रेत की मानिद बहते हुए उनके खेमे में शामिल हो गया। इससे लोगों की उम्मीदें स्वामी यतीश्वरानंद से ज्यादा हो गई है। जनपद के साथ प्रदेश की जनता उन्हें भारी भरकम जिम्मेदारी दिए जाने की मांग करने लगी है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की उम्मीदों पर पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद पूरी तरह से खरा उतरे हैं। जिस विश्वास के साथ उन्हें जिला पंचायत और ब्लॉक प्रमुखों के पदों पर भाजपा के सदस्यों को बैठाने की जिम्मेदारी सौंपी, उसे बखूबी पूरी करने का ऐसा काम किया है कि इतिहास ही रच दिया गया। जिस तरह से चुनाव में एक तरफा माहौल भाजपा की झोली में जिला पंचायत का बोर्ड और ब्लॉक प्रमुखों को निर्विरोध जितवाकर तैयार किया है, उसे स्वामी यतीश्वरानंद के कद में बहुत बड़ा इजाफा हुआ है। हर कोई स्वामी यतीश्वरानंद की तारीफ में कसीदे गढ़ने का काम कर रहा है।
चुनाव मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की विकास नीतियों पर लड़ा गया। चुनाव की समस्त जिम्मेदारी पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद के कंधों पर आ गई। प्रत्याशियों को जिताने के लिए स्वामी यतीश्वरानंद ने जी—तोड़ रात दिन मेहनत की। उनकी मेहनत का परिणाम यह निकलकर सामने आया कि जनपद में 14 जिला पंचायत सदस्य जीतकर आए, लेकिन जैसे ही चुनाव परिणाम आया तो निर्दलीयों के साथ अन्य पार्टियों के सदस्य भी भाजपा में शामिल हो गए। भाजपा में जिला पंचायत सदस्य 33 शामिल हो गए तो अन्य 8 सदस्यों ने भाजपा के प्रत्याशी राजेंद्र सिंह उर्फ चौधरी किरण सिंह को समर्थन दे दिया। एक तरफा सदस्यों के आने से जिला पंचायत में विपक्ष के मंसूबे धराशायी हो गए।
जिला पंचायत में अध्यक्ष राजेंद्र सिंह और उपाध्यक्ष अमित चौहान के सामने विपक्षी दलों के प्रत्याशी नामांकन पत्र खरीदने तक की हिम्मत नहीं जुटा सके। जिससे नामांकन के अंतिम दिन दोनों पदों पर भाजपा के ही प्रत्याशियों के नामांकन दाखिल हो सके।
यही हाल ब्लॉक प्रमुख के चुनाव में हुआ। जनपद के समस्त 6 ब्लॉकों के बीडीसी सदस्य पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद के प्रयास से भाजपा में शामिल हो गए तो शेष बचे सदस्यों ने समर्थन दे दिया। जिसका नतीजा ये यह हुआ सभी 5 ब्लॉकों में भाजपा के समर्थित प्रत्याशियों के नामांकनों के सामने दूसरा कोई प्रत्याशी सामने नहीं आ सका।
जिला पंचायत और ब्लॉक प्रमुखों के सभी प्रत्याशी निर्विरोध चुने जाने पर पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद ने इसका श्रेय मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के साथ भाजपा के शीर्ष नेतृत्व और जनपदवासियों के एक—एक व्यक्ति को दिया है। उनका कहना है कि भाजपा की विकास की नीतियों के बल पर यह संभव हुआ।

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