हरिद्वार। उत्तराखण्ड के राजभवन में तीन दिवसीय वसंतोत्सव 2025 का आयोजन किया गया। जिसमें लगभग चार लाख दर्शकों ने पुष्प प्रदर्शनी एवं विभिन्न स्थानीय उत्पादों के स्टालों का भ्रमण कर नज़दीकी से राजभवन को देखने का सुनहरा अवसर प्राप्त हुआ। उक्त आयोजन में प्रदर्शनी के अतिरिक्त विभिन्न प्रतियोगिताओ का भी आयोजन हुआ, जिसमें प्रतिभाग करने वाले विजेताओं को भी पुरस्कर्त किया गया। बसंतोत्सव 2025 में उत्कृष्ट संचालन एवं संयोजन हेतु ऋषिकुल राजकीय आयुर्वेद महाविद्यालय के शरीर रचना विभागाध्यक्ष/चेयरमैन इण्डियन रेडक्रास उत्तराखण्ड प्रोफेसर (डॉ) नरेश चौधरी को उत्तराखण्ड के राज्यपाल लेफ़्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह ने विशेष रूप से प्रतीक चिन्ह एवं प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया। माननीय राज्यपाल गुरमीत सिंह ने कहा कि अपने मूल दायित्वों का निर्वहन प्रत्येक व्यक्ति करता है, परंतु जो व्यक्ति अपने मूल कार्यों के साथ साथ अन्य सामाजिक समर्पित सेवा करता है, वह विशेष रूप से सम्मान की श्रेणी में आता है। (डॉ) नरेश चौधरी इसके उदाहरण है, इस प्रकार समय-समय पर सम्मानित किए जाने वाले व्यक्ति को विशेष प्रोत्साहन मिलता है, जिससे वह और अधिक सेवा भावना से कार्य करने के लिये प्रेरित होकर समर्पित सेवा देने के लिए अग्रसर रहता है।
उत्तराखण्ड के उद्यान एवं कृषि सचिव डॉ एस एन पांडेय ने डॉ नरेश चौधरी द्वारा विभाग को दिये गये समर्पित एवं सराहनीये सहयोग के लिए विशेष रूप से प्रशंसा करते हुए कहा कि डॉ नरेश चौधरी को जब भी कोई दायित्व अन्य विभागों द्वारा दिया जाता है, उसे वह सहर्ष स्वीकार करते हुए अपनी कार्यशैली के अनुरूप कर्मठता एवं समर्पण भावना से उत्कृष्ट रूप से पूर्ण करते हैं। उद्यान विभाग की निदेशक श्रीमती दीप्ति सिंह ने डॉ नरेश चौधरी को विशेष धन्यवाद देते हुए विभाग की और से उनका आभार व्यक्त किया। डॉ नरेश चौधरी को सम्मानित किए जाने पर माननीय राज्यपाल के सचिव रवीनाथ रमन, अपर सचिव श्रीमती स्वाति भदौरिया, कृषि महानिदेशक रणवीर चौहान, सांस्कृतिक सचिव जुगल किशोर पंत, निदेशक बाग़वानी महेंद्रपाल, अपर निदेशक रतन कुमार, संयुक्त निदेशक सुरेश राम, उत्तराखण्ड उद्यान बोर्ड के सीईओ नरेंद्र सिंह यादव ने भी विशेष रूप से बधाई दी। डॉ नरेश चौधरी ने सम्मानित होने पर राज्यपाल महोदय एवं उद्यान विभाग का विशेष रूप से आभार प्रकट करते हुए कहा कि मुझे इस प्रकार के सम्मानों से जब भी प्रोत्साहित किया जाता है, वे सब मेरे जीवन की अमूल्य एवं अतुलनीय पूँजी हैं जो मुझे और अधिक ऊर्जा से कार्य करने के लिए प्रेरणादायक है।