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हरिद्वार हर्षोल्लास से मनाया गया प्राचीन काल से श्री महादेव सिद्धेश्वर का  वार्षिकोत्सव

धूमधाम से मनाया गया श्री सिद्धेश्वर महादेव मंदिर
सिद्धेश्वर महादेव मंदिर अति प्राचीन- हनुमान बाबा
हरिद्वार। सिद्धेश्वर महादेव मंदिर एवं आश्रम मिस्सरपुर के संचालक परमाध्यक्ष श्रीमहंत विनोद गिरि ऊर्फ हनुमान बाबा ने महाराज ने कहा कि भगवान शिव जगत के कण-कण में विद्यमान हैं। कनखलनगरी तो शिव का ही स्वरूप है। कारण यह क्षेत्र भगवान शिव की ससुराल होने के साथ दक्षेश्वर महादेव के रूप में पृथ्वी के पहले शिवलिंग के रूप में भगवान शिव विराजमान हैं।

उक्त उद्गार उन्होंने श्री सिद्धेश्वर महादेव मंदिर के वार्षिकोत्सव के अवसर पर आयोजित संत सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए व्यक्त किए। उन्होंने कहाकि श्री सिद्धेश्वर महादेव मंदिर अति प्राचीन है। राजा दक्ष ने जगजीतपुर क्षेत्र में यज्ञ का आयोजन कराया था। जिसको पूर्व में यज्ञपुर के नाम से जाना जाता था। कहाकि समय के साथ-साथ अब यज्ञपुर का नाम जगजीतपुर हो गया। उन्होंने कहाकि जिस स्थान पर श्री सिद्धेश्वर महादेव विराजमान हैं, वहां यज्ञाचार्यों, ऋषि-मुनियों का निवास था। श्री सिद्धदेश्वर महाराज ऋषि-मुनियों द्वारा स्थापित हैं। इनकी पूजा-अर्चना से समस्त कष्टों का नाश हो जाता है।

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं महानिर्वाणी अखाड़ा के सचिव महंत रविंद्र पुरी महाराज ने कहा कि श्री सिद्धेश्वर महादेव की महिमा अपरम्पार है। श्री सिद्धेश्वर महादेव ने दिल्ली निवासी एक कन्या को दर्शन देकर स्वंय के यहां विराजमान होने की बात कही थी, जिसके बाद खुदाई में भगवान प्रकट हुए। जिस कारण से प्रतिवर्ष भगवान की स्थापना का उत्सव मनाया जाता है।

वार्षिकोत्सव की पूर्व संध्या पर अखण्ड श्री रामचरित मानस का पाठ किया गया। सोमवार की प्रातः मानस पाठ की पूर्णाहुति, यज्ञ, भगवान श्री सिद्धेश्वर का अभिषेक व विशाल भण्डारे का आयोजन हुआ। इस अवसर पर महामण्डलेश्वर स्वामी प्रेमानंद गिरि, स्वामी रामेश्वरानंद, स्वामी विश्वस्वरूपानंद, स्वामी कृष्णा गिरि, स्वामी आनन्द पुरी, स्वामी सूर्यमोहन गिरि, स्वामी मणि पुरी, सतपाल ब्रह्मचारी समेत अनेक संत, महंत, मण्डलेश्वर व भक्तजन मौजूद रहे।

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