उत्तर भारत की सबसे बड़ी ओर करीब 10/12 दिन अनवरत चलने वाली कावड़ यात्रा को लेकर को लेकर जिला प्रशासन ने तैयारी शुरू कर दी है। 4 करोड़ श्रद्धालुओ के संभावित आगमन को दृष्टिगत रखकर उत्तराखंड सरकार और हरिद्वार प्रशासन ने पुख्ता व्यवस्थाये करने का दावा किया है
जिलाधिकारी हरिद्वार ने सरकारी अमले के साथ 2 बार कावड़ पटरी मार्ग का निरीक्षण कर व्यवस्थाओं को और पुख्ता बनाने के निर्देश दिए । यह सब करवाई सतही तौर पर ही दिखाई दे रही है। क्योंकि कावड़ मार्ग पर अभी भी व्यवस्था को ओर बेहतर बनाए जाने की जरूरत है।
जिलाधिकारी ने कावड़ियों द्वारा गंगा जल लेकर अपने अभीष्ट शिवालयों की ओर जिस वापसी मार्ग का प्रयोग करना है उसी का ही अवलोकन किया है।
बेहतर होता यदि जिला अधिकारी ओर अन्य अधिकारी एक बार उस मार्ग का भी अवलोकन कर लेते जिस मार्ग से कावड़िये बस,रेल या अपने वाहनों से आकर हरिद्वार नगर में प्रवेश करेंगे। बस स्टैंड से लेकर हरकी पैड़ी, भूपतवाला तक नगर के मुख्य मार्ग अतिक्रमण से अटे पड़े है। अपर रोड व मोती बाजार से पैदल निकलना भी मुश्किल है।
कावड़िये व्यापारियों के विवाद के बिंदु खाने के होटलो पर रेट लिस्ट तो एक बार चेक करा लीजिए । मंसा देवी पैदल मार्ग का निरीक्षण कर ले तो ज्यादा अच्छा रहेगा। शराब के तस्करों पर नकेल कसने का काम समय रहते हो जाना चाहिए। शराब की उपलब्धता घटनाओं, विवादों का कारण बनती हैं।
कावड़ में गंगाजल लेकर जाने वाले भोले शंकर के युवा भक्त आने ओर जाने भी लगे हैं।
ग्राउंड जीरो पर कावड़ यात्रा तैयारियो पर आपकी एक नज़र व्यवस्थाओं को ओर बेहतर बनाने का काम करेंगी।