नितिन राणा
कभी सोने की लंका कह जाने वाली श्रीलंका इन दिनों पूरे विश्व भर में महंगाई के चलते काफी सुर्खियों में है श्रीलंका की आज इतनी बड़ी खस्ता हालात है कि पूरा देश महंगाई की मार झेल रहा है इसका कारण है कि श्रीलंका चीन से 3 बिलीयन डॉलर कर्ज ले चुका है आज स्थिति यह है कि श्रीलंका चीन को ब्याज तक चुका नहीं पा रहा है इसीलिए श्रीलंका महंगाई के कगार पर है हालांकि भारत का पुराना मित्र देश होने के कारण भारत श्रीलंका को हर संभव मदद कर रहा है अब तक भारत के प्रधानमंत्री मोदी द्वारा अरबों डॉलर की सहायता चावल इंधन जैसे कई बड़ी समस्याओं का साथ देने के लिए तैयार है तथा विचार कर रहा है श्रीलंका में 2019 के चुनाव में राजपक्षे सरकार ने कुछ बड़े अहम फैसले लिए थे जैसे कि 15 %बेट को घटाकर आधा कर दिया जाएगा तथा बहुत कुछ फ्री सुविधाएं दी जाएगी बस यही फैसले उनको देश के लिए काफी भारी पड़ गए आज श्रीलंका में चावल की कीमत ₹480 किलो नारियल तेल ₹900 किलो उड़द की दाल ₹800 किलो आलू की कीमत 360 प्याज 240 जो नारियल की कीमत ₹110 प्रति नारियल पहुंच चुकी है कहते हैं कि श्रीलंका में पैदल चलते समय लोगों को डर लगता था कि नारियल किसके सिर पर पर पड़ जाए lआज वाक्य ही जिस तरह से मंगाई हो रही है श्रीलंका में खूब नारियल गरीबों के सिर पर ही पड़ रहे हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार ने फ्री के चक्कर में जनता को वायदा किया था उस वायदे को आज श्रीलंका की जनता को भुगतना पड़ रहा है दूसरे देशों जैसे भारत को भी सब कुछ फ्री के चक्कर में कई राजनीतिक पार्टियां से बचना चाहिए भारत में कई ऐसी बड़ी राजनीतिक पार्टियां जनता को बिजली पानी एजुकेशन राशन जैसे और कई बड़ी सुविधाएं फ्री फ्री कर देकर जनता को गुमराह करना चाहती है तथा कई राज्यों में कुछ चीजें लागू भी कर दी गई है ।आप जरा सोचिए कि अगर हम सब कुछ फ्री के चक्कर में है तो हमारी हालात भी ऐसे हो जाएंगे जैसे आज श्रीलंका की हैं और वही हाल होगा जो आज श्रीलंका में हो रहा है जब भारत में जीएसटी लागू हुई थी उस समय भी कुछ राजनीतिक पार्टियां कुछ वेट एनी जीएसटी की रकम घटाकर 5% कर दी जाए इस तरह की मांग उठ रही थी अगर यही मांग ज़िद उस समय पर सरकार लागू कर कर देती तो आज भारत को भी इतनी बड़ी समस्या से जूझना पड़ता। बड़ा गहन विचार करने का विषय है।