रुड़की(सलमान)। शहरी इलाकों में ताबड़तोड़ कार्रवाई करने वाला एचआरडीए विभाग ग्रामीण क्षेत्रो में सुस्त नजर आ रहा है। कार्रवाई के नाम पर मात्र नोटिस की कार्यवाही कर अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लिया जाता है जिसके बाद निर्माणाधीन निर्माण नोटिसी कार्यवाही के भीतर मुकम्मल हो जाता है और सरकार के राजस्व की चोरी कर ली जाती है। निर्माण मुकम्मल के बाद एचआरडीए भी हथियार डाल देता है और खानापूर्ति कर फाइल कागजों में दफन हो जाती है। कुछ ऐसा ही देखने को मिल रहा है भगवानपुर क्षेत्र में, जहा खूब धड़ल्ले से अवैध निर्माण जारी है, जिसपर विभागीय कार्रवाई सवालों के घेरे में है।
आपको बता दे हरिद्वार/रुड़की विकास प्राधिकरण अवैध निर्माणों पर शिकंजा कसने की बात करता है, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बया करती है। प्राधिकरण के दावों की धज्जियां भगवानपुर में उड़ती साफ दिखाई देती है। जहां अवैध निर्माण पर नोटिस के बावजूद निर्माण जारी है। उधर क्षेत्रीय सहायक अभियंता स्टॉफ कम होने का रोना रो रहे है। उनका कहना है कि विभाग से नोटिस की कार्यवाही की गई है, जब उनसे निर्माण जारी होने का सवाल किया गया तो उन्होंने कहा स्थानीय पुलिस को भी नोटिस की कॉपी जाती है लेकिन उनकी ओर से कोई सहयोग नही मिलता। ऐसे में विभाग का नोटिस अवैध निर्माण धारकों को किसी वरदान से कम नही, चूंकि नोटिस देकर विभागीय अधिकारी हाथ पर हाथ धर बैठ जाते है और उसी बीच निर्माण मुकम्मल हो जाता है। जो इन दिनों भगवानपुर में आम बात हो रही है। ऑन-रोड़ हो रहे अवैध निर्माण विभागीय कार्रवाई पर सवाल खड़े कर रही है, तो वही अधिकारियों की भूमिका भी सवालों के घेरे में खड़ी है। ऐसे में नियमों का अलाप लगाने वाले उच्चाधिकारियों को भी ये साफ-साफ ठेंगा दिखा रहे है।