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   चुनाव मे वोटरों   के  हाथों से लिखी जाती है प्रत्याशियों की जीत की किस्मत 

हरिद्वार निकाय चुनाव में गली गली से लेकर समूचे बाजार  छोटी बड़ी गलियों तथा घर-घर में देशभक्ति के गानों व भजनों से हरिद्वार गूंज रहा है।   लेकिन आज कोई 15 अगस्त या 26 जनवरी नहीं है जी हां यह वोटरों  को अपनी और लुभाने का पुरजोर चल रहा है  यहयूं कहे की आज  चुनाव प्रचार प्रसार की चलती फिरती  दुकान   है । अपने-अपने चुनाव प्रचार करने के लिए छोटी बड़ी गाड़ियों , रिक्शा,टेंपो,  के माध्यम से अपना प्रचार प्रसार खूब कर रहे हैं अब देखने वाली बात यह है कि जिन प्रत्याशियों को पार्टी ने रिपीट किया है वह कितनी  बड़ी जीत हासिल करेंगे तथा जो नए प्रत्याशी है पार्टी ने उनको मैदान  में उतारा हैं  पार्टी दल के बड़े नेता  भी अपने-अपने प्रत्याशियों पर जीत् का दवा ठोक रहे हैं  हैं कुछ समाजसेवी  प्रत्याशी निर्दलीय के रूप में भी   चुनाव लड़ रहे हैं उनमें से कुछ लोग ऐसे भी हैं जिनको पार्टी ने टिकट नहीं दिया है वे निर्दलीय  अपनी जीत को  निश्चित मान रहे हैं निर्दलीयों की वजह से कई  सीटेंहरिद्वार की  हाट  हो गई हैं जो पैसों के दाम पर भी खेल सकते हैं । जिन प्रत्याशियों को हार का मुंह देखना पड़ेगा वह हार का सारा ठीकरा भीतर घाट होने  पर  ,और कुछ प्रत्याशी अपने अपने भरोसे मंद  पर  फोड़ देंगे  । लेकिन  इन नेताओं  को यह समझना चाहिए कि उनकी किस्मत  बोटरो के हाथ द्वारा लिखी जानी है  है या फिर उनकी पिछली  साफ सुथरी कार्य शैली पर निर्भर करती है    हरिद्वार चुनाव का माहौल अधिकतर  अखाड़े तथा साधु संतों पर भी निर्भर करता है अखाड़े ,साधु संतों का   इन सबको भरपूर  आशीर्वाद तथा योगदान प्राप्त होता है   आज कल प्रयागराज में महाकुंभ होने के कारण से संत समाज तथा अखाड़े के छोटे बड़े संत सब प्रयागराज महाकुंभ में है  हरिद्वार के तमाम अखाड़ों में  सनाटा छाया हुआ है इसलिए आने वाली तारीख को वोटरों का ग्राफ कम भी  हो सकता है जो प्रत्याशी अपनी जीत को सुनिश्चित  मान् रहे हैं उनको घर-घर जाकर   वोटरों की नवज  एक बार जरूर टटोल  लेनी चाहिए

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