
-मुख्यमंत्री उत्तराखंड, कर्मठ, कर्मयोगी, श्री पुष्कर सिंह धामी जी का अभिनंदन
-परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी के पावन सान्निध्य में देहरादून की सभी संस्थाओं ने माननीय मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी जी का किया अभिनन्दन
देहरादून/ऋषिकेश। उत्तराखंड की पावन भूमि आध्यात्मिकता और संस्कृति की प्रतीक है। साथ ही यह सत्य, सेवा और नैतिकता की जीती-जागती मिसाल भी है। माननीय मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी जी ने इस नई दिशा और दृष्टि को स्वर और संकल्प दिया है। भ्रष्टाचार के विरुद्ध उनके नेतृत्व में चल रही ऐतिहासिक पहल ‘ऑपरेशन कालनेमि’ एक प्रशासनिक कार्रवाई के साथ यह सामाजिक और नैतिक पुनर्जागरण का प्रतीक है।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि त्रेतायुग में भगवान श्रीराम जी के आदेश पर हनुमान जी ने साधु के वेश में छिपे राक्षस कालनेमि का अंत किया। आज कलयुग में उन्हीं मूल्यों की रक्षा के लिए मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी जी ने ऑपरेशन कालनेमि का नेतृत्व कर पाखंड, भ्रष्टाचार और असत्य के विरुद्ध निर्णायक कदम उठाया है।
यह अभियान श्रीराम भक्त एक कर्मयोगी मुख्यमंत्री जी द्वारा धर्म, सत्य और पारदर्शिता की पुनर्स्थापना का प्रतीक है। वास्तव में यह पहल अत्यंत प्रेरणादायक, सराहनीय और उत्तराखंड को भ्रष्टाचारमुक्त बनाने की दिशा में ऐतिहासिक कदम है।
इसी उद्देश्य से माननीय मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी जी के सम्मान में एक अभिनंदन कार्यक्रम आज देहरादून में आयोजित किया गया है। यह कार्यक्रम परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी के पावन सान्निध्य व देहरादून की सभी संस्थाओं व पदाधिकारियों की गरिमामयी उपस्थिति में सम्पन्न हुआ। यह आयोजन एक जन-जागरण की अनुभूति और एक नयी दिशा में बढ़ते उत्तराखंड की अभिव्यक्ति है।
आज भी हमारे समाज में ऐसे अनेक छद्मवेशधारी लोग मौजूद हैं, जो धर्म, सेवा और सामाजिक कार्यों की आड़ में जनता को ठगते हैं, सरकारी तंत्र को भ्रष्ट करते हैं और समाज की नींव को खोखला करते हैं। इन्हीं के विरुद्ध चलाया गया है ‘ऑपरेशन कालनेमि’, जो न केवल प्रशासनिक पारदर्शिता की पहल है, बल्कि एक नैतिक आंदोलन भी है।
भ्रष्टाचार किसी भी राष्ट्र, समाज या संस्था की आत्मा को धीरे-धीरे क्षीण करता है। यह आर्थिक संसाधनों की लूट तो है ही, लेकिन उससे भी अधिक यह नैतिक मूल्यों, पारदर्शिता और जनविश्वास का हनन है। इससे सर्वाधिक पीड़ा उन्हें होती है जो ईमानदारी, परिश्रम और निष्ठा के मार्ग पर चलते हैं। भ्रष्टाचार सामाजिक विषमता को बढ़ाता है, न्याय को कमजोर करता है और लोकतंत्र की नींव को हिला देता है।
माननीय मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जी के नेतृत्व में उत्तराखंड सरकार ने यह सिद्ध किया है कि शासन केवल योजनाओं और घोषणाओं से नहीं चलता, बल्कि उसे नैतिक साहस, पारदर्शिता और जनसमर्पण की आवश्यकता होती है। समाज में भ्रम और भय का वातावरण बनाकर सरकारी सुविधाओं का दुरुपयोग कर रहे लोगों के खिलाफ यह सशक्त कदम है।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि भ्रष्टाचार मुक्त उत्तराखंड अभियान यह संदेश है कि उत्तराखंड अब केवल आध्यात्मिक भूमि ही नहीं, बल्कि प्रशासनिक पारदर्शिता और नैतिक मूल्यों की धरती भी है।
आज तकनीकी विकास ने हमें पारदर्शिता और जवाबदेही के नए उपकरण दिए हैं। डिजिटलीकरण, ऑनलाइन मॉनिटरिंग और जनसुनवाई जैसे माध्यमों से आम नागरिक भी अब प्रशासनिक प्रक्रियाओं का सक्रिय भागीदार बन चुके हंै लेकिन तकनीक तभी प्रभावी होती है जब उसके पीछे नैतिक चेतना और राजनीतिक इच्छाशक्ति हो, जो मुख्यमंत्री जी ने अपने नेतृत्व में सिद्ध कर दी है।
भ्रष्टाचार के विरुद्ध यह लड़ाई केवल सरकार की नहीं, हम सबकी है। जब हर नागरिक यह संकल्प ले कि वह न तो भ्रष्ट आचरण करेगा और न ही उसे सहन करेगा, तभी सच्चा बदलाव आएगा। यह परिवर्तन शिक्षा से शुरू होता है, बच्चों में सत्य, सेवा और स्वावलंबन के संस्कारों को रोपने से शुरू किया जा सकता है।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी जी के नेतृत्व में उत्तराखंड एक नई दिशा में अग्रसर है, जहां धर्म का अर्थ केवल पूजा नहीं, बल्कि कर्तव्य है, जहां प्रशासन केवल सत्ता नहीं, बल्कि सेवा है और जहां विकास का आधार केवल आंकड़े नहीं, बल्कि नैतिकता है।
माननीय मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी जी ने कहा कि भ्रष्टाचार के विरुद्ध यह संघर्ष केवल एक प्रशासनिक आवश्यकता नहीं, बल्कि एक नैतिक यज्ञ है। इसमें हम सब आहुति देकर ही उस समाज की स्थापना कर सकते हैं, जिसकी कल्पना हमारे संविधान, हमारी संस्कृति और हमारे संतों ने की थी।
आज का यह अभिनंदन कार्यक्रम मुख्यमंत्री जी के साहसिक और प्रेरणादायक नेतृत्व को सम्मानित करने का उत्सव है और एक भ्रष्टाचार मुक्त, नैतिक एवं उत्तरदायी उत्तराखंड के निर्माण का दिव्य प्रयास भी है।
स्वामी जी ने हिमालय की हरित भेंट रूद्राक्ष का पौधा माननीय मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी जी और संस्थाओं के प्रमुखों को आशीर्वाद स्वरूप दिया।