नितिन राणा
हरिद्वार – उत्तराखंड विधानसभा चुनाव के परिणाम हाल ही में आये हैं, सारे राजनीतिक विश्लेषकों के आंकड़ों को ध्वस्त करते हुए भारतीय जनता पार्टी ने जिस तरह से पुराने मिथक को तोड़ कर लगातार दूसरी बार सत्ता में वापसी की है वह उत्तराखंड की राजनीति में एक नया अध्याय लिख गया है, अभी तक का यह क्रम रहा है कि उत्तराखंड में जिस पार्टी की सरकार रही वह सत्ता में वापस नहीं लौटी।
उत्तराखंड गठन के बाद से चार बार के कार्यकाल में दो बार भाजपा और दो बार कांग्रेस की सरकार रही। लेकिन पांचवें विधानसभा चुनाव में बीजेपी मिथक को तोड़ते हुए होते ही सरकार में वापसी की है। 2017 में 57 सीटों के साथ सरकार बनाने वाली बीजेपी इस बार भी 70 में से 47 सीटें जीतकर प्रचंड बहुमत के साथ सरकार बनाने जा रही है।
चुनावों से पूर्व विपक्ष यह दावा कर रहा था कि प्रदेश में हर तरफ भाजपा सरकार के खिलाफ नाराजगी और गुस्सा है। कई राजनीतिक पंडित कांग्रेस की भारी बहुमत की सरकार आने का दावा कर रहे थे। वहीं कांग्रेस के नेताओं ने परिणामों से पहले ही सरकार बनाने के संकेत देने शुरू कर दिए थे। लेकिन परिणाम एक तरफा बीजेपी के पकक्ष में रहा।
भाजपा की इस बड़ी जीत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का व्यापक असर दिखाई दिया। केंद्र की मोदी सरकार के कार्यों से काफी लोग प्रभावित दिखे। जिसका सीधा असर परिणामों पर दिखा। प्रदेश में भाजपा ने पिछले साल केवल 3 महीने में ही 2 मुख्यमंत्री बदलकर अंतिम पारी युवा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को सौंपी और धामी ने अपने सरल व्यक्तित्व के जरिए जनता के बीच पहुंचकर माहौल बनाया उसका भी सीधा असर भाजपा की सत्ता में वापसी का मार्ग प्रशस्त करने पर साफ दिखाई दिया। दुर्भाग्यवश पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में भाजपा को तो बड़ी जीत मिल गई लेकिन वह अपना खुद का चुनाव हार गए। मुख्यमंत्री की खटीमा सीट पर आए इस परिणाम ने पूरे भाजपाई खेमे को हिला कर रख दिया. पार्टी की जीत का एक और महत्वपूर्ण कारण है, वह है हरिद्वार के विधायक और इस समय भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक का करिश्माई नेतृत्व. कौशिक को हरिद्वार की जनता ने लगातार पांचवी बार विधायक के रूप में चुना है।
मदन कोशिक भारतीय जनता पार्टी के जिला महामंत्री और जिला अध्यक्ष रहने के साथ ही 2 बार राज्य में कैबिनेट मंत्री भी रहे हैं। पिछले साल त्रिवेंद्र सिंह रावत के नेतृत्व वाली सरकार से इस्तीफा लिया गया और तीरथ सिंह रावत को मुख्यमंत्री बनाया गया तब मदन कौशिक को पार्टी हाईकमान ने प्रदेश अध्यक्ष की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी थी। मदन कौशिक की क्षमताओं को देखते हुए ही पहली बार यह प्रयोग किया गया। जब मैदान अथवा तराई के क्षेत्र से भाजपा ने किसी नेता को प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी सौंपी। इससे पहले मैदान के किसी नेता को यह सौभाग्य नहीं मिला था। हर बार की तरह मदन कोशिक पार्टी हाईकमान की उम्मीदों पर प्रदेश अध्यक्ष के रूप में भी खरे उतरे। राज्य गठन के बाद ऐसा कोई भी प्रांतीय अध्यक्ष नहीं रहा जिसने लगातार अपनी पार्टी को सत्ता में वापसी कराई हो। यह इतिहास भी मदन कौशिक के नेतृत्व में लिखा गया।
कौशिक ने प्रदेश अध्यक्ष रहते हुए अपने चुनाव पर तो फोकस किया ही चुनाव के दौरान पार्टी के जितने भी स्टार प्रचारक राज्य में प्रचार के लिए पहुंचे चाहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमित शाह, पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा रक्षा, मंत्री राजनाथ सिंह, स्मृति ईरानी अथवा अन्य कोई भी स्टार प्रचारक आया हो उन्होंने अपना चुनाव मैनेज करने के साथ-साथ पार्टी के लिए सभी सीटों पर भी जनसंपर्क अभियान चलाया और सभाएं की और लोगों से संपर्क करके भाजपा के लिए वोट मांगने का काम भी जारी रखा।
प्रदेश के चुनिंदा विधायकों में मदन कौशिक ऐसे नेता हैं जो पांचवी बार भी जीत कर आए हैं. अपनी जीत को हरिद्वार की जनता और पार्टी के कार्यकर्ताओं को समर्पित करते हुए मदन कौशिक ने कहा कि भाजपा की सरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कुशल नेतृत्व में कार्य करते हुए जनता की उम्मीदों पर खरा उतरने और राज्य के विकास को ज्यादा गति देने का काम करेगी। उन्होंने कहा कि जिस तरह से प्रदेश की जनता ने भाजपा को आशीर्वाद दिया है पूरी पार्टी देव भूमि की जनता के प्रति आभार ज्ञापित करती है।