हरिद्वार। सनातन धर्म की धर्मध्वजा को लेकर आगे चलने वाले संतो के अखाड़ो का सर्वोच्च पद भी अब विवाद से अछूता नही रहा है, आगामी 11 मार्च गणेश चतुर्थी के दिन महामंडलेश्वर अरुण गिरी महाराज का जूना अखाड़े के सहयोगी अखाड़े, आह्वान अखाड़े के आचार्य पीठाधीश्वर महामंडलेश्वर पट्टाभिषेक समारोह का जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर स्वामी प्रबोधानंद गिरी ने अरुण गिरी पर गंभीर आरोप लगाते हुए, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र अरुण गिरी पता भी से रोक लगाने की मांग की है।
ऋषिकेश निवासी महामंडलेश्वर अवधूत बाबा उर्फ अरुण गिरी महाराज का आह्वान अखाड़े के आचार्य पीठाधीश्वर महामंडलेश्वर के पद पर पट्टाभिषेक होने जा रहा है जिसको लेकर जूना अखाड़े के ही महामंडलेश्वर प्रबोधानंद गिरी ने मोर्चा खोल दिया है, प्रबोधानंद गिरी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर अरुण गिरी महाराज पर कई गंभीर आरोप लगाते हुए उनके आह्वान अखाड़े का आचार्य महामंडलेश्वर बनाये जाने का विरोध किया है साथ ही अरुण गिरी की सीबीआई जांच की मांग की है। इस पर ओर अधिक बताते हुए महामंडलेश्वर प्रबोधानंद गिरी ने पत्रकारों को बताया कि जूना अखाड़े से भी पुराने आह्वान अखाड़े के कुछ संतो द्वारा एक अपराधिक प्रवृत्ति के संत को शंकराचार्य के पद के समकक्ष पद आचार्य महामंडलेश्वर बनाए जाने की कोशिश की जा रही है उन्होंने कहा कि जिस व्यक्ति अरुण गिरी महाराज को आह्वान अखाड़े का आचार्य महामंडलेश्वर बनाया जा रहा है उस आपराधिक प्रवृत्ति के व्यक्ति पर महिलाओं के रैकेट चलाने, करोड़ों रुपए की हेरा फेरी और अवैध हथियारों सहित कई गंभीर आरोप है। उन्होंने कहा कि अगर इस प्रकार का आपराधिक प्रवृत्ति का व्यक्ति आह्वान अखाड़े जैसे अखाड़े का आचार्य महामंडलेश्वर बनता है तो यह सनातन धर्म की आंतरिक सुरक्षा के लिए घातक होगा। सनातन धर्म की सुरक्षा के लिए ही उन्होंने अरुण गिरी महाराज के पट्टा अभिषेक को रोकने के लिए देश के प्रधानमंत्री को पत्र लिखा है। अगर इसके बाद भी आह्वान अखाड़े के संतों द्वारा अरुण गिरी महाराज का आचार्य महामंडलेश्वर पद पर पट्टा अभिषेक किया जाता है तो देश में एक बहुत बड़ी घटना होगी और हिंदू रक्षा सेना और बेखुद देश के सनातन धर्म के प्रेमियों को जगाने का काम करेंगे और ऐसे संत का सड़क पर चलना दुर्भर कर देंगे।