Himachal

हिमाचल पुलिस भर्ती पेपर लीक मामले में मास्टरमाइंड भरत यादव ने किया सरेंडर

हिमाचल बहुचर्चित हिमाचल पुलिस भर्ती पेपर लीक मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। मामले के मास्टरमाइंड भरत यादव ने मंगलवार को कांगड़ा कोर्ट में सरेंडर कर दिया है। मंगलवार को भरत यादव को कांगड़ा में न्यायाधीश शिखा लखनपाल की अदालत में पेश किया गया। जहां से उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। वहीं इस मामले मे एसआईटी ने आरोपियों से जब्त किए मोबाइल फोन से अहम साक्ष्य भी जुटा लिए हैं। पुलिस कॉन्स्टेबल भर्ती की लिखित परीक्षा के लीक हुए पेपरए हल किया हुआ पेपरए जिसमें 6 से 8 गलतियां थीं को भी रिकवर कर लिया है। बता दें कि इस मामले में पुलिस ने भरत यादव के पांच अन्य साथियों को बिहार से करीब 6 माह पहले गिरफ्तार किया था। इन सभी की मिलीभगत से प्रिंटिंग प्रेस से पेपर लीक किया गया था। बिहार के अरविंद कुमार व भरत यादव इस पूरे षड्यंत्र के मास्टरमाइं बताया जा रहा है कि बिहार के अरविंद कुमार व भरत यादव इस पूरे षड्यंत्र के मास्टरमाइंड थे।
मामले में अरविंद कुमार को एसआईटी ने करीब छह माह पहले गिरफ्तार किया था। जबकि भरत यादव अभी तक फरार चल रहा था। इसके अलावा एसआईटी ने बिहार के ही सुधीर यादव पुत्र कारू यादव, गोले लाल यादव पुत्र द्वारका प्रसाद, गौतम कुमार भारती पुत्र वरिंद्र प्रसाद और सुबोध कुमार पुत्र चुल्ली सिंह को गिरफ्तार किया था। इनसे पूछताछ में खुलासा हुआ था कि प्रिंटिंग प्रेस में पार्ट टाइम वर्कर सुधीर कुमार यादव ने मार्च में हिमाचल पुलिस कॉन्स्टेबल भर्ती की लिखित परीक्षा का पेपर लीक किया था। इसके बाद पेपर को गोरे लाल के माध्यम से गौतम कुमार भारती तक पहुंचाया गया। यह सब सुबोध कुमारए भरत यादव और अरविंद कुमार के कहने पर किया गया। बिहार की इस गैंग ने हिमाचल पुलिस कॉन्स्टेबल भर्ती की लिखित परीक्षा का पेपर लीक कर हरियाणा की गैंग को सौंपा था। जिसने हिमाचल में इस पेपर को बेचा था। प्रथम स्टेज पर पेपर की कीमत 4 लाख थी। जबकि अभ्यर्थियों को यह पेपर 8 लाख रुपए तक बेचा गया था।

सीबीआई ने मांगा है रिकॉर्ड

बता दें कि पुलिस कांस्टेबल के 1ए334 पदों की भर्ती के लिए बीते 27 मार्च को प्रदेश में 81 केंद्रों में लिखित परीक्षा हुई थी। 5 अप्रैल को परिणाम घोषित हुआ था। सीएम जयराम ठाकुर ने बीते 17 मई को पेपर लीक मामले में एसआईटी से जांच करवाने का फैसला लिया था। इसके बाद पुलिस ने सबसे पहले कांगड़ा से ही तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया था। इस मामले की अब सीबीआई भी जांच करेगी। सीबीआई (CBI) ने बीते दिनों ही मामले का पूरा रिकार्ड मांगा है

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