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उत्तराखंड में अब फर्जी राशनकार्ड धारकों की खैर नहीं, जांच कर मुकदमे करेगी सरकार

देहरादून। उत्तराखंड में फर्जी राशनकार्ड धारकों को जल्द से जल्द अपने राशन कार्ड सरेंडर करने होंगे जिसके लिए एक अभियान चलाकर राज्य सरकार बड़े स्तर की कार्यवाही कर रही है अपात्र राशनकार्डधारकों पर शिकंजा कसेगा। उन्होंने राशनकार्ड वापस या समर्पित नहीं किए तो मुकदमा भी दर्ज किया जाएगा। सख्ती बरतने के इस अभियान में अब सिर्फ 13 दिन शेष रह गए हैं। महत्वपूर्ण यह भी है कि पात्रों को आने वाले दिनों में फोर्टीफाइड नमक उपलब्ध कराने की तैयारी भी की जा रही है।उत्तराखंड सरकार ने अपात्र राशनकार्डधारकों के विरुद्ध सख्त अभियान शुरू किया है। इससे सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत पात्र परिवारों और व्यक्तियों के लिए सस्ता खाद्यान्न योजना को सुचारू चलाना संभव हुआ है। बता दे कि प्रदेश में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अभियान (एनएफएसए) में 1.84 लाख से अधिक अंत्योदय और तकरीबन 12 लाख प्राथमिक परिवार राशनकार्डधारक हैं।

खाद्य आपूर्ति मंत्री रेखा आर्य का कहना है कि गरीबी रेखा और बेहद कम आमदनी वाले परिवारों की श्रेणी से बाहर निकल चुके अथवा गलत तरीके से इस योजना का लाभ लेने वालों को चिह्नित किया जाएगा। सख्त कदम उठाने से पहले राज्य सरकार ने करीब एक महीने का समय समस्त राशनकार्डधारकों को दिया है। अभी तक स्वेच्छा से 3167 राशनकार्डधारक अपने राशनकार्ड वापस कर चुके हैं। इससे करीब 13 हजार यूनिट कम हो गई हैं। उन्होंने कहा कि अपात्र राशनकार्डधारकों की संख्या काफी अधिक है। 31 मई तक राशनकार्डधारकों को मोहलत दी गई है।इसके बाद एक जून से विभाग ऐसे व्यक्तियों को चिह्नित कर उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराएगा। उन्हें बख्शा नहीं जाएगा।

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