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गंगा सप्तमी पर हरिद्वार के घाटों पर गंगा स्नान पर सुबह से श्रद्धालुओं की रही भीड़

हरिद्वार। आज है मां गंगा का जन्मोत्सव आज के दिन मोक्षदायिनी मां गंगा स्वर्ग लोक से भगवान शिव की जटाओं में पहुंची थीं। और शिव की जटाओ से होते हुए माँ गंगा का धरती पर अवतरण हुआ था। इसलिए इस दिवस को गंगा सप्तमी के रूप में मनाया जाता है। इस दिन तीर्थ पुरोहित और लाखों की तादाद में श्रद्धालु हरिद्वार आकर बड़े ही उत्साह के साथ गंगा में स्नान कर पूण्य की कामना करते हैं। और जो भी सच्चे मन से कुछ भी मांगता है। उसकी मनोकामना पूरी होती हैं।

पंडित मनोज त्रिपाठी ने बताया गंगा आज ही के दिन भगवान विष्णु के धाम से गंगा धरा पर आई और गंगा का जन्म हुआ गंगा का जो अवतरण हैं गंगा का जो जन्म है वह गंगा सप्तमी है तो गंगा सप्तमी का जो बीज मंत्र है और गंगा सप्तमी की जो स्तुति हैं वह गंगा को बहुत प्रिय है गंगा को मंत्र बहुत प्रिय है तो इसलिए गंगा के प्रति भाव रखने वाले गंगा के प्रति स्मरण रखने वाले गंगा के प्रति श्रद्धा रखने वाले जो लोग हैं उनके लिए आज का दिन बहुत प्रिय है मां गंगा का जो उद्गम स्थान है गंगा का जो मूल तत्व है वह गंगा सप्तमी से जुड़ा हुआ है क्योंकि गंगा दशहरा गंगा सप्तमी दोनों का एक बहुत बड़ा महत्व हमारी संस्कृति है और गंगा मोक्षदायिनी है गंगा पतित पावनी है गंगा कल कल निनाद करती हुई गंगोत्री से गंगासागर जाती है गंगा सप्तमी क्योंकि सप्तमी जो भगवती का एक महत्वपूर्ण दिन है गंगा भारतीय संस्कृति के लिए एक बहुत बड़ा स्थान मां गंगा रखती है इसलिए गंगा हमारी मां है गंगा सप्तमी मैं मां गंगा का पूजन किया जाता है गंगा को श्वेत पुष्प बहुत प्रिय है मां गंगा को गईया का दूध बहुत प्रिय है गंगा को शहद बहुत प्रिय है गंगा को चुन्नी और साड़ी वस्त्र बहुत प्रिय है गंगा को रक्त चंदन या श्वेत चंदन बहुत प्रिय है गंगा को चावल बहुत प्रिय है गंगा को रोली और कंदली फल बहुत प्रिय है तो आज के दिन गंगा सप्तमी पर मां गंगा का पूजन यदि कोई इस प्रकार से करता है गंगा का बीज मंत्र काली का बीज मंत्र और कृष्ण का बीज मंत्र तीनों का बीज मंत्र एक है तो इसलिए गंगा सप्तमी का जो पूजन है वह संक्षिप्त पूजन व्यक्ति को करके गंगा स्नान करना चाहिए गंगा में आचमन करना चाहिए और गंगाजल में जाकर व्यक्ति थोड़ा गायत्री जप कर ले तो उसको यह सब करने से अनंत फल की प्राप्ति होती है और गंगा सप्तमी के दिन जो भी व्यक्ति दान गंगा में स्नान और गंगा में भगवान सूर्य को अर्ग देता है वह निसंदेह अपने पापों को विनाश करता है अपने पापों का संघार कराता है।

कहा जाता है कि गंगा सप्तमी पर मोक्षदायिनी मां गंगा में डुबकी लगाने से पापों का हरण होता है गंगा सप्तमी के दिन गंगा पूजन ओर स्नान से यश-सम्मान की प्राप्ति होती है मां गंगा तीनों लोक देवलोक मृत्युलोक और पाताल लोक को अपने पवित्र जल से तृप्त करती हैं इसीलिए श्रद्धालु मां गंगा में आस्था की डुबकी लगाने के लिए हरिद्वार आते हैं श्रद्धालुओं का कहना है कि आज के दिन मा गंगा में डुबकी लगाने से पुण्य की प्राप्ति होती है और वह इसी लिए हरिद्वार आए हैं और मैं गंगा में आस्था की डुबकी लगा रहे हैं यहां पर आकर उन्हें काफी अच्छा लग रहा है उनके द्वारा मां गंगा की पूजा की गई है और गंगा स्नान किया गया है

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