हरिद्वार। पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी के सचिव और मेला प्रभारी श्रीमहंत रविन्द्रपुरी महाराज ने कहा कि सनातन धर्म की रक्षा के लिए नागा संन्यासियों का होना बहुत जरूरी है। मुगल शासकों के समय में नागा संन्यासियों ने लड़ाई लड़ सनातन धर्म की रक्षा की है। कहा कि कुंभ के लिए पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी के नागा सन्यासी हरिद्वार पहुंचना शुरू हो गये हैं।
उक्त बातें उन्होंने पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी में कन्या पूजन के दौरान कहीं। अखाड़ा के सिद्ध महात्मा माने जाने वाले नागा सन्यासी श्रीमहंत रामवन हरिद्वार पहुंचे। उन्होंने अखाड़ा में कन्या पूजन किया। श्रीमहंत रामवन के अखाड़ा में पहुंचने पर श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज एवं अपर मेलाधिकारी हरबीर सिंह ने फूल मालाएं पहनाकर उनका स्वागत किया। श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने बताया कि नागा संन्यासियों का हरिद्वार पहुंचना प्रारंभ हो गया है।
बृहस्पतिवार को जमात एसएमजेएन कॉलेज मैदान में बनी छावनी में पहुंचेगी। आज से अखाड़ा में कन्या पूजन कर कार्यक्रम की शुरुआत कर दी गई। उन्होंने बताया कि श्रीमहंत रामवन अखाड़ा के सिद्ध महात्मा है। उन्होंने आजीवन वस्त्र नहीं पहने हैं। देशभर में 50 से अधिक मंदिर उन्होंने बनवाये हैं। जिस स्थान पर जाते हैं, वहां ज्यादा दिन नहीं रुकते है। दूसरे स्थान पर तपस्या के लिए निकल जाते हैं। कभी पक्के मकान में निवास नहीं करते। हमेशा तंबू में ही रहकर अपनी तपस्या की है। कहा कि नागा सन्यासियों का उद्देश्य सनातन धर्म की रक्षा करना है। भगवान शंकर की तरह ही नागा सन्यासी वस्त्र नहीं पहनते हैं। श्रीमहंत राम रतन गिरी महाराज ने कहा कि भारतीय संस्कृति और सनातन धर्म की रक्षा के साथ ही प्रचार-प्रसार के लिए संत समाज ने हमेशा अपना योगदान दिया है। उन्होंने बताया कि सभी नागा सन्यासी एसएमजेएन कॉलेज स्थित छावनी में पहुंचना शुरू हो गये हैं। अपर मेलाधिकारी हरबीर सिंह ने कहा कि रमता पंच आज पहुंच जाएंगे। इसके लिए सभी व्यवस्था कर ली गई है। इस अवसर पर श्रीमहंत मनीष भारती, श्रीमहंत नरेश गिरी, श्री महंत राधे गिरी, गंगा गिरि, निलकंठ गिरी, राजगिरी, आनंद गिरि, राजेंद्र भारती, राकेश गिरी, रतन गिरी, दिगंबर विनोद गिरी, महेश गिरी, अनुज पुरी, नीतीश पुरी, सौरव गिरी, आनंद अखाड़ा के सचिव श्रीमहंत शंकरानंद सरस्वती आदि उपस्थित रहे।