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रामविलास उत्तराखंड इतिहास में पहले आईएएस जो गए जेल

देहरादून। आय से अधिक संपत्ति मामले में आईएएस रामविलास यादव को राज्य सतर्कता विभाग ने हिरासत में लिया था। जिसके बाद आज इस मामले में वरिष्ठ अधिकारी रामविलास यादव को विजिलेंस कोर्ट ने 14 दिन के न्यायिक हिरासत का फैसला सुनाया है। हालांकि, 6 जुलाई को अगली सुनवाई नियत की गई है। आपको बता दे कि हाईकोर्ट की फटकार के बाद रामविलास यादव, बीते बुधवार यानी 22 जून को देहरादून के विजिलेंस ऑफिस में पूछताछ के लिए पहुंचे थे। कल दोपहर करीब 12:48 बजे के आसपास एक प्राइवेट कार में अपने अधिवक्ता के साथ रामविलास विजिलेंस के दफ्तर में पहुंचे थे। जहां करीब 14 घटों तक उनसे पूछताछ की गई और उन्हें देर रात गिरफ्तार कर लिया था।

मामला साल 2019 से जुड़ा हुआ है जब उत्तर प्रदेश कैडर के आईएएस अधिकारी रामविलास यादव ने अपना ट्रांसफर उत्तराखंड में करा लिया। विजिलेंस की टीम आईएएस अधिकारी रामविलास यादव पर नजर बनाए हुई थी और उनकी आय से अधिक संपत्ति मामले पर जांच कर रही थी लेकिन 22 मई 2022 को उत्तराखंड शासन की ओर से अनुमति मिलने के बाद विजिलेंस विभाग ने आईएएस रामविलास यादव के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया।

आईएएस रामविलास यादव को विजिलेंस की टीम में कई मर्तबा बयान दर्ज कराने के लिए बुलाया लेकिन इस जांच में उन्होंने, अपना कभी भी सहयोग नहीं दिया। इसके बाद 21 जून को गिरफ्तारी कि डर के चलते रामविलास यादव ने नैनीताल हाईकोर्ट में गिरफ्तारी स्टे की याचिका दायर की। जिसके बाद नैनीताल हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान पीठ ने आईएएस अधिकारी रामविलास यादव को सख्त निर्देश देते हुए कहा कि इस जांच में वह विजिलेंस टीम का सहयोग करें जिसके चलते 22 जून को खुद रामविलास यादव सतर्कता विभाग के कार्यालय पहुंचे। जहा लंबी पूछताछ के बाद देर रात विजिलेंस टीम ने आईएएस रामविलास यादव को गिरफ्तार कर लिया।

जहां एक और विजिलेंस विभाग अपने स्तर से लगातार कार्रवाई कर रही थी। तो वहीं, दूसरी ओर सरकार ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए आईएएस अधिकारी रामविलास यादव को सस्पेंड कर दिया। 30 जून को रामविलास यादव रिटायर हो रहे हैं लेकिन उससे पहले ही उत्तराखंड सरकार ने एक बड़ा संदेश देते हुए रामविलास यादव पर कार्रवाई की है जिसका उत्तराखंड शासन में एक बड़ा संदेश गया है कि अगर कोई भी अधिकारी इस तरह का कृत्य करता है तो उस पर उत्तराखंड शासन जीरो टॉलरेंस के तहत बड़ी कार्यवाही करने में पीछे नहीं हटेगी।

आईएएस अधिकारी रामविलास यादव के आय से अधिक संपत्ति मामले की जांच कर रही विजिलेंस विभाग के निदेशक अमित सिन्हा ने बताया कि लंबे समय से रामविलास यादव से संपर्क किया जा रहा था और उन्हें कई मर्तबा बयान दर्ज करने के लिए बुलाया गया लेकिन उन्होंने कभी भी सहयोग नहीं दिया। नैनीताल हाईकोर्ट में गिरफ्तारी से बचने के लिए की गई याचिका की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने अधिकारी को फटकार लगाई और उन्हें विजिलेंस विभाग को जांच में सहयोग देने की बात कही जिसके चलते 22 जून को अधिकारी खुद विजिलेंस ऑफिस पहुंचे जहां उनसे लंबी पूछताछ की गई इसके बाद उन्हें देर रात गिरफ्तार कर लिया गया था।
अमित सिन्हा ने बताया कि उनके करीब छे से सात बैंक अकाउंट को सीज भी किया गया है इसके अलावा उन्हें रिमांड पर लेकर पूछताछ किए जाएंगे, क्योंकि आय से करीब 522 फीसदी संपत्ति पाई गया है। यही नहीं, अमित सिन्हा ने कहा कि जब शासन से मुकदमा दर्ज करने की अनुमति मिली थी उसके बाद से ही रामविलास यादव के चार ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की गई थी इस छापेमारी के दौरान तमाम अहम दस्तावेजों को जप्त किया गया था जिस पर जांच जारी है।

आईएएस अधिकारी रामविलास यादव के वकील एमएस पंत ने बताया कि विजिलेंस कोर्ट में पेश होने के बाद कोर्ट ने आईएएस रामविलास यादव को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। इसके बाद अब अगली सुनवाई 6 जुलाई को होनी है। साथ ही कहा कि कोर्ट में इस बात को लेकर भी चर्चा किया गया था कि जब नैनीताल हाईकोर्ट ने आईएएस अधिकारी को बयान दर्ज करने के लिए कहा था तो फिर गिरफ्तार क्यों किया गया।

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