सूर्य ग्रहण से ऋषि सुनक का संबंध, सूर्य ग्रहण ने ही सुनक को प्रधानमंत्री की कुर्सी तक पहुंचाया- यह बता रहे हैं जाने-माने ज्योतिषी डॉक्टर प्रतीक मिश्रपुरी
हरिद्वार 28 अक्टूबर आज शुक्रवार 28 अक्टूबर को ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने जा रहे ऋषि सुनक का संबंध 25 अक्टूबर को हुए सूर्य ग्रहण से क्या विशेष संबंध रहा है और क्या इस सूर्य ग्रहण उनको प्रधानमंत्री बनने में मदद की है विशेष रूप से है इस सूर्य ग्रहण ने ही ऋषि सुनक को ब्रिटेन के प्रधानमंत्री की कुर्सी तक पहुंचाया इस बारे में हमारी खोजी रिपोर्ट में सारे तथ्य सामने आए हैं हमारी टीम इन तथ्यों की जानकारी लेने के लिए देश के जाने-माने ज्योतिषाचार्य और प्राची विद्या सोसाइटी हरिद्वार के अध्यक्ष डॉ प्रतीक मिश्रपुरी के कनखल स्थित घर पर पहुंची बातचीत में हमें डॉक्टर प्रतिक विष्णुपुरी ने बताया कि ऋषि सुनक का जन्म कर्क लग्न में हुआ है उनकी जन्मपत्री में कर्क लग्न में चौथे स्थान पर है जो उनके लिए पॉजिटिव है और उसने ही उन्हें प्रधानमंत्री की कुर्सी तक पहुंचाया है उनका जन्म अश्विन नक्षत्र यानी मुलो में हुआ है साथ ही उनकी जन्म कुंडली में सूर्य दशम स्थान पर बैठा हुआ है जैसे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी की कुंडली में बैठा है और ऐसे व्यक्ति को यह लग्न जन्मजात राजा बनाते हैं और 23 अक्टूबर से चंद्रमा के अंतर में सूर्य का अंतर शुरू हुआ है और ऊपर से सूर्य ग्रहण तुला राशि पर बैठा है और कर्क लग्न वाले व्यक्ति को यह सब राशियों का मिलन और अंतर राजा बनाने में मदद करता है इसलिए ऋषि सुनक को प्रधानमंत्री बनाने में सूर्य ग्रहण का महत्वपूर्ण योगदान है इसलिए ऋषि सुनक इंग्लैंड के प्रधानमंत्री की कुर्सी पर सूर्य ग्रहण के कारण बैठ सके हैं ऋषि सुनक का जो कर्क लग्न है वह जन्मजात राजा तो बनाता ही है साथ ही पंडित जवाहरलाल नेहरू इंदिरा गांधी और ब्रिटेन की प्रधानमंत्री रही मार्गेट थैचर की तरह जनता में अत्यंत लोकप्रिय बनाता है क्योंकि यह लग्न जनता में राजा को लोकप्रिय बनाता है और राजा जनता से ज्यादा जुड़ाव रखता है