हरिद्वार। अध्यात्म चेतना संघ की ओर से ज्वालापुर स्थित मोती महल मंडप में आयोजित किये जा रहे श्रीमद्भागवत भक्ति महायज्ञ में तृतीय दिवस की कथा का श्रवण कराते हुए कथा व्यास आचार्य करुणेश मिश्र ने ज्ञान और वैराग्य.विषय पर प्रसंग के माध्यम से समझाया कि किस प्रकार से श्रीमद्भागवत महापुराण की कथा के श्रवण मात्र से ज्ञान और वैराग्त व्यक्ति के जीवन में उन्नत होते हैं तथा उसके जीवन में भक्ति देवी सदा नर्तन करती रहती है।
उपरोक्त प्रसंग के द्वारा आचार्य ने बताया कि किस प्रकार से देव ऋषि नारद जी की जिज्ञासा श्रीमद्भागवत महापुराण के श्रवण से सदा के लिये शान्त हो गी। आगे की कथा में प्रवेश करते हुए उन्होंने कहा कि समस्या तब होती है, जब हम स्वयं को मालिक समझ बैठते है, लेकिन, यदि हम स्वयं को भगवान को अर्पण कर दें, तो हमारे जीवन में कोई समस्या आती ही नहीं है। तब श्रीमद्भगवद्गीता में दिये गये वचन के अनुसार हमारे सभी कुशल क्षेम की रक्षा और निर्वहन स्वयं भगवान ही करते है। हाँ, हमें अपने भगवान पर पूरा-पूरा भरोसा होना चाहिये।
कथा व्यास ने कहा कि, “हमें अनन्य भाव तथा सम्पूर्ण विश्वास के साथ अपनी सारी समस्याओं को परमात्मा को अर्ण कर देने से जीवन की प्रत्येक समस्या व तनाव से मुक्ति मिल जायेगी। कथा के मध्य भावपूर्ण संकीर्तनों के बीच भक्तजन निरन्तर आनन्द में डूबते-उतराते रहे। श्रीभगवान की पावन आरती के अवसर पर प्रमुख रूप से कमल कांत शर्मा, ब्रजेश कुमार शर्मा, रवीन्द्र सिंघल, सुधीर शर्मा तथा मुख्य यजमान दम्पति सहित अनेक यजमान परिवार व श्रद्धालुजन उपस्थित रहे।
