हरिद्वार । फुटपाथ के रेडी पटरी के (स्ट्रीट वेंडर्स) लघु व्यापारियों के सामूहिक संगठन लघु व्यापार एसो. के प्रांतीय अध्यक्ष संजय चोपड़ा की अध्यक्षता में न्यू स्मार्ट वेंडिंग जोन के प्रांगण में प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक का आयोजन हुआ। जिसमें समस्त कार्यकारिणी के पदाधिकारियों के प्रस्ताव पर जिला व प्रदेश की कार्यकारिणी का विस्तार करते हुए राजेंद्र पाल को जिला अध्यक्ष पद पर नियुक्त किया गया, वहीं चलती फिरती रेड़ी पटरी फेरी के स्ट्रीट वेंडर्स को संगठित करने के लिए नई इकाई का गठन कर सुशांत कुमार बंगाली को अध्यक्ष नियुक्त किया, लघु व्यापार एसो. की ज्वालापुर इकाई का अध्यक्ष तस्लीम अहमद को नियुक्त किया और प्रदेश महासचिव पद पर रुड़की के विनोद कुमार को नियुक्त किया गया। सभी सम्मानित पदाधिकारियों को प्रदेश अध्यक्ष संजय चोपड़ा द्वारा माल्यार्पण कर संगठन की नई जिम्मेदारी का निष्ठावान कार्यकर्ता के रूप में निर्वाह करते हुए असंगठित क्षेत्र के रेडी पटरी के (स्ट्रीट वेंडर्स) फेरी के लघु व्यापारियों को और संगठित कर उनके संवैधानिक अधिकारों के प्रति जागरूक अभियान को और आगे बढ़ाने को लेकर संकल्पित भी किया।
इस अवसर पर लघु व्यापार एसो. के प्रांतीय अध्यक्ष संजय चोपड़ा ने कहा रेडी पटरी के (स्ट्रीट वेंडर्स) लघु व्यापारियों के लिए केंद्र व राज्य सरकार द्वारा कई प्रकार की योजनाएं चलाई जा रही है लेकिन रेडी पटरी के (स्ट्रीट वेंडर्स) लघु व्यापारियों को योजनाओं की विस्तृत जानकारी ना होने के कारण सरकार की योजना के लाभ से वंचित रहते हैं, रेडी पटरी के (स्ट्रीट वेंडर्स) लघु व्यापारियों को और संगठित करने के उद्देश्यों की पूर्ति के लिए जिला अध्यक्ष पद पर युवा लघु व्यापारी नेता राजेंद्र पाल को नियुक्त किया गया है। उन्होंने यह भी कहां जून-जुलाई दो महा तक लघु व्यापार एसो. का और विस्तार करके सभी क्षेत्रों की इकाइयों में सदस्यता अभियान चलाकर संगठन को और मजबूत किया जाएगा। नगर निगम प्रशासन द्वारा आने वाले दिनों में फेरी समिति की बैठक में नए वेंडिंग जोन बनाए जाने को लेकर सामूहिक रूप से अपने प्रतिवेदन प्रस्तुत किए जाएंगे।
लघु व्यापार एसो. के प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक में सम्मलित हुए पदाधिकारियों में महासचिव मनोज मंडल, सदस्य जय भगवान, चुन्नू चौधरी, विजेंद्र सिंह, दलीप गुप्ता, सतपाल सिंह, मोहनलाल, धर्मपाल कश्यप, लाल चंद गुप्ता, भोला यादव, खुशीराम बुंदेलखंडी, बृजपाल सिंह, श्याम कुमार, कैलाश चौधरी आदि ने प्रमुख रूप से अपने विचार व्यक्त किए।