Dehradun

पीएम नरेंद मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट सोलर सैल पर डीएवी देहरादून में विज्ञान प्रदर्शनी का सफल आयोजन

डीएवी.पब्लिक स्कूल देहरादून डिफेंस कॉलोनी में बड़े ही उत्साह पूर्ण रूप से ‘समिधा’ अंतरविद्यालयी गतिविधियों का आयोजन किया गया।
इन गतिविधियों का मुख्य विषय रहा ‘सोलर सैल आज और कल’। इसी थीम को आधार बनाकर कार्यक्रम के दौरान अनेक प्रतियोगिताओं को क्रियान्वित कराया गया
। जिसमें मॉडल व पोस्टर बनाना,पावरपॉइंट प्रेजेंटेशन व नुक्कड़ नाटक प्रमुख रहे।

इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में जहांँ यूसर्क की निदेशक प्रोफेसर डॉक्टर अनीता रावत व विशिष्ट अतिथि के रूप में डी.ए.वी. कॉलेज में प्राध्यापक पद पर कार्यरत डॉक्टर गुंजन पुरोहित उपस्थित रहे। वहीं निर्णायक मंडल के रूप में डॉक्टर गुंजन पुरोहित , डॉक्टर ओ.पी. नौटियाल व श्रीमान जी.आर. गंगवार जी उपस्थित रहें।

इन गतिविधियों का उद्देश्य विद्यार्थियों में विश्लेषणात्मक बुद्धि व तर्क़ शक्ति का विकास करने के साथ-साथ ऐसे कौशलों का विकास करना है जिससे छात्र वस्तुओं, तथ्यों, घटनाओं, नियमों और सिद्धांतों का विश्लेषण कर एक सटीक निर्णय पर पहुंँच सकें।

इस कार्यक्रम में जहांँ अनेक ज्ञानवर्धक मॉडल देखने को मिले वहीं प्रतिभागियों ने नुक्कड़ नाटक के माध्यम से सोलर ऊर्जा के प्रयोग से होने वाले लाभ व भविष्य में होने वाली हानियों को गिनवाया। सिर्फ इतना ही नहीं विद्यार्थियों द्वारा प्रस्तुत ‘पावरपॉइंट प्रेजेंटेशन’ सभी के आकर्षण का केंद्र बनीं । इन गतिविधियों में आने वाले सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र दिए गए।

आदरणीय मुख्य अतिथि जी ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा की विश्व की सबसे बड़ी शक्ति और हमारी पहचान का आधार ज्ञान है । इसलिए आप सभी को अपने जीवन को ज्ञान रूपी प्रकाश से प्रकाशित करना चाहिए। इसी ज्ञान की ज्योति से आप अपने जीवन लक्ष्य को पहचाने और उसकी प्राप्ति के लिए निरंतर प्रयासरत रहें। अपनी प्रतिभा को निखारने के लिए डी.ए.वी.पब्लिक स्कूल देहरादून ने आपको सुअवसर प्रदान किया है। इन अवसरों का लाभ उठाते हुए जीवन में आगे बढ़े।

कार्यक्रम के अंत में प्रधानाचार्या जी ने छात्रों के उज्ज्वल भविष्य की कामना की और छात्रों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि विज्ञान नवाचार और मानव उन्नति के लिए एक आवश्यक कुंजी है। इस प्रकार की गतिविधियों से छात्रों में वैज्ञानिक जांच में आत्मविश्वास ,क्षमता का निर्माण और विज्ञान में आश्चर्य, उत्साह और रुचि की भावना को बढ़ावा मिलेगा।

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