रुड़की। विश्व मधुमक्खी दिवस के अवसर पर कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर जम्मू-कश्मीर, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और उत्तरराखंड में शहद परीक्षण प्रयोगशाला और शहद प्रसंस्करण इकाइयों का वर्चुअल तरीके से उद्घाटन किया। इंसानों और ग्रह को स्वस्थ रखने में मधुमक्खियों और अन्य पर परागण करने वाली जीव जन्तुओं की महत्वपूर्ण भूमिका के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 20 मई को विश्व मधुमक्खी दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की थी।
आपको बता दे देश में ‘स्वीट रिवोल्यूशन’ (मधु क्रांति) हासिल करने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लक्ष्य को साकार करने की दिशा में राष्ट्रीय मधुमक्खीपालन शहद मिशन (एनबीएचएम) के तहत आने वाले राष्ट्रीय मधुमक्खी बोर्ड (एनबीबी) द्वारा निर्मित छह प्रयोगशालाओं और एक शहद प्रसंस्करण संयंत्र का उद्घाटन कृषि मंत्री द्वारा किया गया है।
रुड़की के मंगलौर देवबंद मार्ग स्थित सनलाइट इंडिया एग्रो प्रोड्यूसर कम्पनी में वर्चुअल सबोधित करते हुए कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने बताया कि देश में राष्ट्रीय मधुमक्खीपालन एवं शहद मिशन को लागू किया गया है जिसका उद्देश्य है कि पूरे देश में मधुमक्खीपालन के बुनियादी ढांचे को मजबूत किया जाए। बुनियादी ढांचे में मुख्यत: शहद प्रसंस्करण संयंत्र और शहद गुणवत्ता जांच की प्रयोगशालाओं पर ध्यान दिया जा रहा है और देश में लगभग 100 लघु जांच प्रयोगशालाएं स्थापित करने का लक्ष्य है। आज विश्व मधुमक्खी दिवस पर ऐसी छह प्रयोगशालाओं का उद्घाटन किया गया है। आगे चलकर इन प्रयोगशालाओं की संख्या में इजाफा किया जाएगा।
कम्पनी के मैनेजिंग डायरेक्टर प्रेमपाल सिंह व योगेंद्र पुनिया ने बताया कि शहद की गुणवत्ता को लेकर चिंता, और जांच प्रयोगशाला की उपलब्धता की कमी को ध्यान में रखते है भारत सरकार ने ये कदम उठाया है। इसके अलावा शहद की प्रसंस्करण इकाइयों की भी कमी को दूर करने के प्रयास किया जा रहा है। मधुमक्खीपालक किसानों के किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) भी हैं और जिसके चलते छोटे-छोटे किसानों को मधुमक्खीपालन और बाद में पैकिंग, ब्रांडिंग करने में आसानी होगी। उन्होंने कहा कि फिलहाल इन प्रयोगशालाओं में खाद्य नियामक, एफएसएसएआई के जो निर्धारित मानक हैं, उन सभी पैमानों की जांच की सुविधा होगी। उन्होंने बताया कार्यक्रम का उद्देश्य देशभर में मधुमक्खी पालन को बढ़ावा देना और लोकप्रिय बनाना है।