मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कल आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विभाग की समीक्षा बैठक ली। इस दौरान मुख्यमंत्री ने संबंधित अधिकारियों को सभी सड़कों को 15 अक्टूबर तक गड्ढ़ा मुक्त करने तथा राज्य में अतिवृष्टि से प्रभावित सभी क्षेत्रों में स्थिति सामान्य करने के लिए युद्धस्तर पर कार्य करने के निर्देश दिए।
बैठक में मुख्यमंत्री ने सचिव, विभागाध्यक्ष एवं सभी अधिकारियों को पुनर्निर्माण कार्यों की नियमित समीक्षा करने और जो कार्य पूर्ण किये जा चुके हैं, उनका भौतिक सत्यापन करने के निर्देश दिए। साथ ही उन्होंने जो सड़कें अभी बंद हैं, उन्हें यथाशीघ्र सुचारू करने तथा आपदा की दृष्टि से संवेदनशील स्थानों पर सड़कों के स्थाई ट्रीटमेंट की व्यवस्था करने के भी निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि सभी जिलाधिकारी अपने जिलों को आदर्श जनपद बनाने की दिशा में कार्य करें। जिन गांवों से लोगों को विस्थापित करना है, विस्थापन की कार्रवाई भी जल्द की जाए। मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों को नियमित रूप से जनपदों की विभिन्न व्यवस्थाओं का स्थलीय निरीक्षण करने के भी निर्देश दिए।
उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये कि वर्षा काल के बाद होने वाली जल जनित बीमारियों से बचाव के लिए पुख्ता व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं। जल जनित रोगों से बचाव के लिए मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य विभाग को नियमित जागरूकता अभियान चलाने के निर्देश दिये। उन्होंने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिये कि सफाई व्यवस्था में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जायेगी।
समीक्षा बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने अस्पतालों में सफाई व्यवस्था के साथ ही मरीजों को सभी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने के निर्देश दिये। उन्होंने नगर निगमों, नगर पालिकाओं और नगर पंचायतों में आंतरिक मार्गों की मरम्मत एवं स्वच्छता का भी विशेष ध्यान रखने के निर्देश दिये।
इस दौरान बैठक में राज्य आपदा प्रबंधन सलाहकार समिति के उपाध्यक्ष श्री विनय रोहिला, मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, अपर मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, प्रमुख सचिव आर के सुधांशु, सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम, शैलेश बगोली, सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विनोद कुमार सुमन, गढ़वाल कमिश्नर विनय शंकर पाण्डेय, आर.सी अजय मिश्रा, संबंधित विभागों के अपर सचिव, विभागाध्यक्ष एवं सभी जिलाधिकारी वर्चुअली जुड़े थे।