उत्तराखंड में शुक्रवार से जारी बारिश तबाही मचा रही है। नदियां ऊफान पर आ गई हैं। कई जगह बादल फटने की घटनाएं सामने आई हैं। वहीं भूस्खलन से कई नेशनल हाईवे का एक हिस्सा समेत कई सड़कें बह गई हैं। मौसम विभाग ने अगले चार दिन प्रदेश के लिए भारी बताए गए है। लोगों से सावधानी बरतने की अपील की गई है।
मीडिया रिपोर्टस के अनुसार पौड़ी के थलीसैंण में और उत्तरकाशी के पुरोला में बादल फटने से भारी तबाही हुई है। उत्तरकाशी में देर रात हुई अतिवृष्टि एवं बादल फटने की घटन के कारण पुरोला, बड़कोट एवं डुंडा तहसील के कई स्थानों पर हुए भूस्खलन से प्रभावितों को प्रशासन ने सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा। साथ ही भूस्खलन से अवरूद्ध सड़कों को खोले जाने और बिजली, पानी की आपूर्ति बहाली के लिए तत्काल प्रयास शुरू कर दिए गए हैं।
वहीं बताया जा रहा है कि थलीसैंण-पीठसैंण-बुंगीधार मोटर मार्ग पर बगवाड़ी गांव के समीप पुल के एक हिस्से का पुश्ता क्षतिग्रस्त हो गया है। जिससे चौथान पट्टी के पांच से अधिक गांवों की आवाजाही ठप हो गई है। जबकि पट्टी के 80 गांवों की आवाजाही प्रभावित हुई है। पट्टी के रौली गांव के एक ग्रामीण की गौशाला बह गई है। जिसमें 10 बकरियां व दो बैल लापता हैं। साथ ही रौली और बगवाड़ी गांव के ग्रामीणों के खेत बह गए हैं।
दूसरी ओर मौसम विभाग ने प्रदेशभर में आज शनिवार से अगले चार दिन तक भारी बारिश की रहेगी। विभाग ने सभी जिलों के लिए चार दिन तक बारिश का येलो अलर्ट जारी किया है। बताया जा रहा है कि 22 से 25 जुलाई तक गढ़वाल और कुमाऊं क्षेत्र के कुछ इलाकों में भारी बारिश हो सकती है। संवेदनशील इलाकों में भूस्खलन से सड़कें बंद हो सकती हैं।