Events Haridwar News Kumbh 2021

अरुण गिरी महाराज का आह्वान अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर पद पर हुआ पट्टाभिषेक

हरिद्वार। आह्वान अखाड़े में आज नवनियुक्त आचार्य महामंडलेश्वर एनवायरनमेंट बाबा अवधूत अरुण गिरी का विधिवत पट्टाभिषेक पद पर आसीन किया गया, इस दौरान सभी 13 अखाड़ों की तरफ से नवनियुक्त आचार्य महामंडलेश्वर अरुण गिरी को चादर ओढ़ाकर और माल्यार्पण करके इस नई जिम्मेदारी को उनको सौंपा गया, हालांकि अरुण गिरी की आचार्य महामंडलेश्वर पद पर नियुक्ति को लेकर जूना अखाड़े के एक महामंडलेश्वर ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर उन पर गंभीर आरोपी लगाए थे और सनातन धर्म की रक्षा के लिए पट्टाभिषेक को रोकने की और सीबीआई जांच की मांग की थी मगर विरोध के बावजूद आज पट्टाभिषेक शांतिपर्वक अखाड़ा परिसर में संपन्न हो गया ,आचार्य महामंडलेश्वर अरुण गिरी ने विरोध करने वाले संत से किसी तरह की जान पहचान ना होना बताया और कहा कि यह बड़े लोग हैं और कुछ भी कह सकते हैं और लिख सकते हैं, उन्होंने कहा कि कि वे नई जिम्मेदारी को सभी के सहयोग से पूरा करेंगे सभी अखाड़ों का सम्मान करते हुए सभी का सम्मान करेंगे।

आह्वान अखाड़े के नवनियुक्त आचार्य महामंडलेश्वर अवधूत अरुण गिरी महाराज का कहना है कि जो नई जिम्मेदारी मिली है उसे बहुत सरलता से निभाया जाएगा और सभी को जोड़ कर चला जाएगा और सभी अखाड़ों का सम्मान किया जाएगा ,संतों का भी सम्मान किया जाएगा और जितना सरल हो जाऊंगा उतना ही काम करने में आसानी होगी, सरल पहले भी था और अभी भी रहूंगा ,हम तो पहले से ही अपने जीवन में यज्ञ करता रहा हूँ और पेड़ लगाता हूं मेरा एक नारा है कि यदि जीवन है जीवन ही यज्ञ है, सांसे हो रही है कम आओ पेड़ लगाएं हम , 2016 में मैंने वैष्णो देवी से कन्याकुमारी तक पदयात्रा की थी और लगभग हमारे सारे सहयोगी ने मिलकर उस समय 27000 पेड़ लगाए थे उसी अभियान को फिर बढ़ाया जाएगा और सभी को जोड़ने का प्रयास किया जाएगा और एक हमारी अगली यात्रा हमारे तत्वाधान में श्री पंच दशनाम आवान अखाड़े के सानिध्य में 1008 गंगाजल कलश भरे जाएंगे त्रिवेणी घाट से और श्रीनगर जम्मू कश्मीर शंकराचार्य जी की जो टिकरी है उस पर जलाभिषेक किया जाएगा ,जितने सैनिक मारे गए हैं उनकी आत्मा की शांति के लिए और जो अभी वहां पर प्रजा मारी गई है उनकी भी आत्मा की कल्याण के लिए जलाभिषेक किया जाएगा ,यह हमारा अगला संकल्प है।

आचार्य महामंडलेश्वर अरुण गिरी का कहना है कि हमेशा जूना अखाड़ा आवाहन अखाड़ा और अग्नि अखाड़ा सभी एक साथ हैं वह सभी मेरे साथी हैं और अग्नि अखाड़े में से आवाहन अखाड़े में इससे पहले भी आचार्य जी थे वह भी जूना अखाड़े से ही थे, जूना अखाड़े से ही काफी लोग बनाए जाते हैं ,आवाहन अखाड़े में जूना अखाड़ा के ही एक महामंडलेश्वर द्वारा गंभीर आरोप लगाए जाने पर अरुण गिरी का कहना है कि वह सब बड़े हैं और बड़ों को तो अधिकार है कि वह कुछ भी लिख सकते हैं कुछ भी कर सकते हैं और मेरे संज्ञान में इस तरह की बात नहीं आई थी, लेकिन सुना था मैंने उन्होंने ऐसा लिखा है बड़े लोग कुछ भी कर सकते हैं उनका भी सम्मान है, प्रधानमंत्री को तो पत्र पूरा देश ही लिखता है प्रधानमंत्री की तो जिम्मेदारी ही है पूरा देश पत्र भेजता रहता है उनकी अपनी इच्छा है , उनसे ना मैं कभी मिला हूं ना मैं उनको जानता हूं मेरी कभी मुलाकात नहीं हुई ,लेकिन संत महापुरुष है इसलिए जानते भी है उनको, लेकिन प्रत्यक्ष हमारी उसे भेट कभी नहीं हुई है मैंने तमाम कार्यों पर ध्यान दिया है पूजा पाठ के अलावा और भी कार्य करते हैं यज्ञ आदि अनुष्ठान ,उसमें जब कभी विद्वत बैठेंगे तो इस पर चर्चा व्याख्या करूंगा, यह क्या-क्या चीजें हैं मैं जो यज्ञ करता हूं और पेड़ लगाता हूं पूरे भारत में उससे हमारे भक्त लोग हमारे सानिध्य में आते हैं आकर्षण का कोई महत्व नहीं है पूजा पाठ मैं वही करता हूं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *